उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क यूपी एटीएस कोर्ट ने अवैध धर्मांतरण केस में मौलान उमर गौतम और 16 अन्य आरोपियों को दोषी करार दिए जाने के बाद सजा सुनाई. एक हजार से ज्यादा लोगों का अवैध धर्मांतरण कराने वाले उमर ने अलीगढ़ में भी नेटवर्क फैलाया था.
2021 में एसटीए सहित अन्य खुफिया एजेंसियों ने एएमयू में कार्यरत माली के घर पर दबिश दी थी. दरअसल माली नवीन का भी अवैध धर्मांतरण कराए जाने का इनपुट अधिकारियों को मिला था. सूत्रों के अनुसार एजेंसियों के रडार पर आज भी जिले के कुछ लोग हैं. जिनका धर्मांतरण उमर व उसके साथियों द्वारा कराया गया.
अवैध धर्मांतरण के मामले में एटीएस कोर्ट ने श्याम प्रताप सिंह उर्फ मौलान उमर गौतम सहित 12 को उम्रकैद और चार को दस-दस साल की सजा सुनाई. मूलरूप से फतेहपुर निवासी उमर गौतम ही इसका मुख्य कर्ताधर्ता था. हिन्दू से मुस्लिम बनने के बाद उसने बड़े पैमाने पर धर्मांतरण कराया था. एटीएस के अनुसार इन लोगों ने एक हजार से ज्यादा लोगों का अवैध तरीके से धर्मांतरण कराना स्वीकार किया है.
उमर गौतम का पहली बार अलीगढ़ कनेक्शन वर्ष 2021 में उजागर हुआ था. वह एएमयू में होने वाले कई कार्यक्रमों में शामिल होने पूर्व में आता रहा था. यह सवाल आज भी राज बना हुआ है कि उमर को कार्यक्रम में कौन बुलाता था. इन कार्यक्रमों में शामिल होने के दौरान ही मूल रूप से हरियाणा के फरीदाबाद निवासी माली नवीन मौलान उमर के संपर्क में आया था.
आदित्य से पूछताछ के बाद माली तक पहुंची थी एटीएस
एटीएस के अनुसार कानपुर में पकड़े गए आदित्य उर्फ अब्दुल्ला ने पूछताछ में बताया था कि वह एएमयू के माली के घर ठहरा था और मूकबधिर माली ने भी धर्म परिवर्तन किया है. साथ में उस माली के साथ अपना फोटो भी दिखाया. इस फोटो के आधार पर एजेंसी की एक टीम तलाशते हुए 2021 में माली तक पहुंची थी. नवीन कुमार नाम का यह माली अपनी मूकबधिर पत्नी व परिवार के साथ एएमयू के सर्वेंट क्वार्टर में रहता था.
फैसले के बाद अवैध धर्मांतरण के दोषियों को को जेल ले जाया गया.
मौलान उमर गौतम अपने परिजनों पर दबाव बनाकर अलीगढ़ में पढ़ाई करने आया था
एटीएस के अनुसार यूपी के फतेहपुर के रमवां पंथुवा का रहने वाला श्याम प्रताप सिंह उर्फ उमर गौतम एग्रीकल्चर से इंटरमीडिए करने के दौरान मुस्लिम दोस्तों के संपर्क में आया था. वह परिजनों पर दबाव बना कर पढ़ाई के लिए अलीगढ़ पहुंचा था. जहां वह हनी ट्रैप के जरिए एक महिला के संपर्क में आया. उसे प्रोफेसर बनाने का ऑफर दिया गया. लालच में आकर उसने महिला से शादी कर मुस्लिम धर्म अपना लिया. धर्म परिवर्तन के बाद वह दूसरों का धर्मांतरण कराने की साजिशों में शामिल हो गया था. यूपी समेत अन्य राज्यों के गैर मुस्लिम मूक-बधिर, महिलाओं, बच्चों व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को रुपये और नौकरी का प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराया था.
अलीगढ़ न्यूज़ डेस्क