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Aligarh  हारिस के एएमयू कनेक्शन की तलाश में जुटीं खुफिया एजेंसियां

खुलासा

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  भारत में स्लामिक स्टेट ऑ़फ इराक एंड सीरिया यानी आईएसआईएस का गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले इंडियन चीफ का अलीगढ़ कनेक्शन उजागर हुआ है.

असम पुलिस ने खुलासा किया है कि गिरफ्तार आरोपी हारिस फारूकी उर्फ हरीश अजमल एएमयू का टॉपर छात्र रहा है. वह स्टूडेंट ऑफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ग्रुप सामू बनाकर आईएसआईएस का प्रचार कर रहा था. खुफिया एजेंसियों ने बीते दिनों उजागर हुए अलीगढ़ मॉड्यूल का संस्थापक होने का भी संदेह जताया है. खुफिया एजेंसियां हारिस का पुराना रिकार्ड खंगालने में जुट गई हैं. उधर एएमयू प्रशासन भी अपना रिकार्ड खंगाल रहा है. यूपी एसटीएफ, एटीएस, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बीते महीनों में एएमयू के आईएसआईएस मॉड्यूल और अलीगढ़ के आईएसआईएस मॉड्यूल के खिलाफ कार्रवाई के तहत आतंक के आरोप में नौ एएमयू छात्रों व पूर्व छात्रों को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने अमस अहमद नाम के व्यक्ति को अलीगढ़ में गिरफ्तार किया गया, जबकि संभल के मूल निवासी अब्दुल समद मलिक ने एक स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पण किया. अहमद ने 20 में एएमयू से मनोविज्ञान में स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी और पिछले साल एमबीए प्रवेश परीक्षा में शामिल हुआ था. वहीं, मलिक इस एएमयू से सोशल वर्क्स में मास्टर डिग्री की पढ़ाई कर रहा है.

आईएसआईएस के प्रति निष्ठा की शपथ लेने का दावा : यूपी एटीएस ने आरोप लगाया कि मामले में पहले गिरफ्तार किए गए सात लोगों के साथ ये दोनों लोग एएमयू में आईएसआईएस मॉड्यूल तैयार कर रहे थे और इसके लिए अन्य लोगों की भर्ती कर रहे थे. दावा किया गया था कि गिरफ्तार किए गए सभी लोगों ने आईएसआईएस के प्रति निष्ठा की शपथ ली थी और वे संगठन से गहराई से प्रेरित थे. गिरफ्तार किए गए युवक परिसर में एक अनौपचारिक छात्र संगठन एसएएमयू यानि सामू (स्टूडेंट्स ऑफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) से जुड़े थे. पहली बार इस संगठन का नाम आने के बाद खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गईं थीं. अब एजेंसियां हारिस फारूकी की गिरफ्तारी के बाद सामू के गठन करने के पीछे के मकसद, उससे जुड़े अन्य लोगों तक पहुंचने में जुट गई हैं.

 

 

अलीगढ़ न्यूज़ डेस्क

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