Aligarh शरद हत्याकांड में चार को आजीवन कारावास,2016 में बाइकर्स गुट में चल रही गैंगवार में की गई थी हत्या, रामघाट रोड स्थित एक बैंक्वेट हॉल के बाहर बरसाई थीं गोलियां

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क शहर के चर्चित शरद गोस्वामी हत्याकांड में अदालत ने चार दोषियों को आजीवन कारावास व तीन दोषियों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई. सात वर्ष पूर्व वर्ष 2016 में बाइकर्स गुट में चल रही गैंगवार में शरद की ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी.
एडीजे आठ अशोक भारतेंदु की अदालत ने गोस्वामी हत्याकांड में सात दोषियों को सजा सुनाई. इसमें सजल चौधरी समेत चार दोषियों को आजीवन कारावास व तीन दोषियों को तीन-तीन वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई. चार दिन पहले इन्हें दोषी करार दिया गया था. सजल चौधरी वाराणसी, जबकि अन्य लोग अलीगढ़ जेल में हैं. सभी की वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी करवाई गई थी. एडीजीसी अमर सिंह तोमर व वादी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता नीरज चौहान के अनुसार रामघाट रोड स्थित शुभम समागम गेस्ट हाउस के बाहर तीन मार्च 2016 को घटना हुई थी. इसमें एक शादी समारोह में रमेश विहार निवासी शरद गोस्वामी शामिल होने पहुंचा था. रात करीब साढ़े नौ बजे शरद अपने साथी बिल्डर विकास शर्मा के साथ गेस्ट हाउस से बाहर निकल रहा था. तभी बदमाशों ने शरद को घेरकर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी. शरद को चार गोली लगी थीं, जिससे उसकी मौत हो गई थी. विकास के पैर में गोली लगी थी. शादी में आए ऋषि गुप्ता के सीने व बगल में गोली लगी थी. शरद के पिता राकेश गोस्वामी ने क्वार्सी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें देवसैनी निवासी सजल चौधरी, उसके भाई राकेश, सतीश, भतीजे पंकज व साले इगलास के हस्तपुर निवासी सचिन को नामजद किया. वहीं, जांच में बल्लभगढ़ निवासी सुरेंद्र उर्फ रोहन, धनीपुर निवासी अंशुल सागर, एडीए कालोनी निवासी मनीष चौधरी, राजस्थान के अलवर निवासी बेबी उर्फ देवेंद्र सिंह, आरएएफ रोड स्थित तृप्ति विहार निवासी हरवीर सिंह, जवां क्षेत्र के नगौला निवासी रामू उर्फ रामगोपाल के नाम प्रकाश में आए. जिसमें सतीश की मौत हो चुकी है. वहीं देवेन्द्र गवाही के बाद से फरार चल रहा है. 12 सितंबर को अदालत ने सजल, राकेश, पंकज, सचिन को हत्या में और मनीष, हरवीर व अंशुल को आर्म्स एक्ट में दोषी माना था. सुरेंद्र व रामू को दोषमुक्त कर दिया था. अदालत ने सजल, राकेश, पंकज, सचिन को उम्रकैद व 15-15 हजार रुपये का जुर्माना और मनीष, हरवीर व अंशुल को तीन-तीन वर्ष कारावास व दो-दो हजार रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई.
क्वार्सी थाने में गैंग किया गया था सूचीबद्ध थाना क्वारसी पुलिस ने बाइकर्स गैंग को सूचीबद्ध किया था. पुलिस के रिकार्ड में इस गैंग के 50 से ज्यादा लड़कें शामिल थे. गैंग की रंजिश में हुए एक के बाद एक हत्याकांड के बाद पुलिस भी अलर्ट हो गई थी. पुलिस ने बकायदा गैंग के सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए मुनादी भी कराई थी. तत्कालीन एसएसपी जे रविन्द्र गौड़ ने बाइकर्स गैंग पर शिकंजा भी कसा था.
पिता ने अदालत पर जताया भरोसा शरद के पिता राजेश गोस्वामी ने बताया कि मुझे 20 से ज्यादा बार धमकियां दी गईं. रुपए भी ऑफर किए गए. मगर में डरा नहीं. मुझे अदालत पर भरोसा था. बेटे की हत्या का न्याय मिला है.
अलीगढ़ न्यूज़ डेस्क