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Aligarh  कोतवाली में हुए गोली कांड में दरोगा व मुंशी रिहा किए गए

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उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   शहर कोतवाली में हुए गोलीकांड के मुकदमे में आरोपी दरोगा व मुंशी को राहत मिल गई. पुलिस विवेचना में साक्ष्य न पाए जाने का उल्लेख कर अदालत में फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर दी. इसी क्रम में महिला की हत्या के आरोप में जेल में निरुद्ध दरोगा को अदालत के आदेश पर रिहा कर दिया गया. जबकि इस घटना में आरोपी मुंशी पहले से जमानत पर बाहर था.

मोहल्ला तुर्कमान गेट चौकी क्षेत्र के हड्डी गोदाम निवासी इशरत निगार बीते छह दिसंबर को पासपोर्ट सत्यापन के सिलसिले में बेटे ईशान के साथ शहर कोतवाली गई थीं. दोपहर करीब ढाई बजे के आसपास वे मुंशियाने में पहुंचकर वहां मौजूद मुंशी से बात कर रही थीं. तभी मुंशी सुदीप यादव ने वहां मौजूद दरोगा मनोज शर्मा को मालखाने से उनकी सर्विस पिस्टल निकालकर दी. इस पर दरोगा वहीं खड़े-खड़े पिस्टल को चेक कर रहा था. इसी बीच अचानक गोली चल गई थी. पिस्टल से चली गोली इशरत निगार के सिर में लग गई थी. गंभीर हालत में उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. छठवें दिन 11 दिसंबर की देर रात उनकी मौत हो गई थी. इस घटना में पहले ही दिन ईशान ने भुजपुर चौकी प्रभारी दरोगा मनोज शर्मा के खिलाफ जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें बाद में मुंशी सुदीप को भी साजिश व लापरवाही का आरोपी मानते हुए आरोपी बनाया गया था. मौत के बाद मुकदमा हत्या व साजिश की धारा में तरमीम किया गया था. सुदीप को महिला की मौत वाले दिन ही जेल भेजा गया था, जो बाद में जमानत पर रिहा हो गया. मगर दरोगा जेल में ही था. पुलिस पूरे घटनाक्रम की विवेचना कर रही थी.

गोली लगना बताया इत्तेफाक

अदालत के समकक्ष हुए वादी के बयानों के मुताबिक इसे अचानक इत्तेफाक में गोली लगना माना है. मानवता के चलते कोई कार्रवाई न चाहने की बात कही है. इसमें किसी का कोई दोष नहीं है. उस समय मैंने लोगों के कहने पर मुकदमा दर्ज कराया था. सीसीटीवी के परीक्षण से भी घटना अचानक इत्तेफाक से होना पाया गया है. इस तरह दरोगा व मुंशी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य न होने पर अंतिम रिपोर्ट दी है. दरोगा को न्यायिक अभिरक्षा से अवमुक्त किया जाए. इस पर न्यायालय ने पुलिस अर्जी स्वीकारते हुए दरोगा मनोज शर्मा को रिहा करने के आदेश दिए. इस आधार पर दरोगा को रिहा कर दिया गया.

चार दिन पहले लगाई अंतिम रिपोर्ट

मुकदमा विवेचक इंस्पेक्टर बन्नादेवी ने मामले में चार दिन पहले अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी. साथ में दरोगा की रिहाई के लिए सीआरपीसी की धारा 9 के तहत रिपोर्ट लगा दी गई. जिसमें वादी के न्यायालय के समक्ष बयान हुए .

कोतवाली में हुए गोलीकांड प्रकरण में साक्ष्य नहीं मिलने पर फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की गई थी. कोर्ट से आरोपी दारोगी व मुंशी को रिहा कर दिया गया है. अभय पांडेय, सीओ प्रथम

 

 

अलीगढ़ न्यूज़ डेस्क

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