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Aligarh  प्रचंड गर्मी से किडनी, दिल-दिमाग भी हो रहा प्रभावित

Mandi प्रचंड गर्मी…पंखे के नीचे भी छूटने लगा पसीना, मंडी में रविवार को पारा 40 डिग्री

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  दिल्ली के मानव व्यवहार एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (इहबास) के प्रोफेसर डॉ. ओम प्रकाश ने बताया कि बढ़ते तापमान से मानसिक स्वास्थ्य के खराब होना का खतरा बढ़ जाता है. चिड़चिड़ापन, आक्रामक व्यवहार और कभी-कभी ठीक से नहीं सोच पाना इसके शुरुआती लक्षण होते हैं. वहीं, कुछ लोगों में अत्यधिक गर्मी से भ्रम और भटकाव की स्थिति भी पैदा हो सकती है.

उत्तर भारत में कई इलाकों का तापमान 50 डिग्री के पार पहुंच गया है. भीषण गर्मी लोगों के शारीरिक अंगों के साथ-साथ उनके मूड पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है. इसके साथ ही किडनी और दिल पर भी पड़ता है. उनके सोचने समझने की क्षमता भी प्रभावित होती है. लेंसेंट पत्रिका की रिसर्च के मुताबिक, डायबिटीज हृदय रोग, ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए इसके और भी गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं.

हृदय पर दबाव

यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, उच्च रक्तचाप से पहले ही दिल पर दबाव पड़ता है. मोटापा होना भी खतरे की बड़ी वजह है, इससे शरीर अधिक गर्मी बरकरार रखता है. इंग्लैंड के रोहैम्पटन विश्वविद्यालय ने शोध में पाया कि यदि तापमान 35 डिग्री से अधिक हो जाता है तो लोग जोर-जोर से सांस लेने लगते हैं और उनकी हृदय गति बढ़ जाती है.

दिमाग पर प्रभाव

जर्नल लाइब्रेरी साइंस ऑफ मेडिसीन के अनुसार, मनुष्य का शरीर अधिकतम 42.3 डिग्री सेल्सियस तापमान झेल सकता है. यदि कोई व्यक्ति थोड़ी देर के लिए इससे अधिक तापमान के संपर्क में रहता है तो दिमाग को काफी नुकसान पहुंचता है.

किडनी को नुकसान

अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज के अनुसार, जिन लोगों को किडनी रोग है उन्हें तो खतरा होता ही है, लेकिन जो इस बीमारी के होने के बाद भी अनजान रहते हैं और ऐसी स्थिति में गर्मी के संपर्क में आते हैं तो उनके लिए यह खतरनाक हो सकता है. अत्यधिक गर्मी से किडनी फेल तक हो सकती है.

पाचनतंत्र से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं, क्योंकि इस मौसम में बहुत सारे वायरस और बैक्टीरिया सक्रिय होते हैं. ार्मी में कुछ चीज खाने के बाद हमें उल्टी आने लगती है या फिर पेट में जलन होने लगती है. ऐसा होने का कारण पाचन न होना होता है. -डॉ. विपिन गुप्ता, वरिष्ठ फिजिशियन

जो लोग अत्यधिक गर्मी में बाहर रहते हैं और डिहाइड्रेशन के शिकार हो जाते हैं, उनकी किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है. किडनी के लिए सामान्य रूप से अपशिष्टों को फिल्टर कर पाना कठिन हो जाता है, जिसके कारण कई प्रकार की गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. -डॉ. एसके सिंघल, कार्डियोलॉजिस्ट

 

 

अलीगढ़ न्यूज़ डेस्क

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