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Aligarh  दुनिया की दुर्लभ जीव फिशिंग कैट पकड़ी, जवां क्षेत्र में वन विभाग की टीम ने रेसक्यू ऑपरेशन कर हिंसक जीव को पकड़ा

 कर्नाटक के विजयनगर जिले के हाडागली तालुक में सोमवार को तेंदुए के हमले में एक बाइक सवार गंभीर रूप से घायल हो गया।  यह घटना उस समय हुई जब युवक, प्रवीण मगाला-हिरेहदगली गांवों के बीच यात्रा कर रहा था।  प्रवीण के शोर-शराबे और चीख-पुकार को सुनकर किसान और राहगीर उसकी मदद के लिए दौड़े और तेंदुआ मौके से भाग गया। घायल युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया।  इस घटना से लोगों में चिंता बढ़ गई है क्योंकि अधिकांश ग्रामीण अपने परिवार के सदस्यों के साथ बाइक, स्कूटर पर यात्रा करते रहते हैं। गांवों से भी बड़ी संख्या में लोग पैदल  कारखानों में जाते हैं।  वन अधिकारियों ने लोगों को आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है। क्षेत्र के लोगों ने मांग की है कि मवेशियों पर हमला करने वाला तेंदुआ अब इंसानों को निशाना बना रहा है। अधिकारियों को कोई अनहोनी के पहले ही कार्रवाई करनी चाहिए।  इसी जिले के होस्पेट तालुक के गांवों में भी एक तेंदुआ देखा गया। अधिकारियों द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि बल्लारी और विजयनगर जिलों में तेंदुओं की संख्या में वृद्धि हुई है।

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   विलुप्ति के कगार पर पहुंची दुनिया की दुर्लभ जीव फिशिंग कैट  को अलीगढ़ के जवां क्षेत्र में वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन कर पकड़ी. ग्रामीण पहले इस जीव को तेंदुआ समझकर दहशत में पड़ गए थे. विभाग द्वारा फिशिंग कैट के पिछले पैरों में चोट लगने के चलते उपचार कराया जा रहा है. 2016 में इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर ने इस दुर्लभ जीव को विलुप्त होने की वजह से रेड लिस्ट में डाल दिया था.

जवां क्षेत्र के अनूपशहर रोड पर गांव नगौला में कासिमपुर पावर हाउस के डैंप के पास गार्ड का कमरा बना हुआ है.  सुबह गार्ड मनोज कुमार शौच के लिए निकले तो कमरे के पास ही यह दुर्लभ जीव बैठा हुआ दिखाई दिया. गार्ड कमरे की छत पर चढ़ गया और गांव में तेंदुए आने का शोर मचा दिया. सूचना मिलते ही आसपास गांव के लोग भी एकत्रित हो गए. स्थानीय पेट्रोल पंप संचालक अमन अग्रवाल ने इसकी सूचना वन विभाग की टीम को दी. टीम भी तेंदुआ मिलने की प्रारंभिक सूचना पर जाल लेकर पहुंच गई. डीएफओ दिवाकर वशिष्ठ के नेतृत्व ने पहुंची टीम ने करीब दो घंटे के रेस्क्यू के बाद तेंदुए से दिखने वाले जीव को जब पकड़ा तो पता चला कि यह फिशिंग कैट है. यह पानी में रहने वाले जीवों को खाता है. इसका मुख्य आहार मछली, कीड़े, मोलस्क, सरीसृप, उभयचर, पानी में रहने वाले अन्य कीड़े हैं. यह जीव अधिकतर नदी व पानी वाले स्थानों के आसपास पाया जाता है लेकिन वर्तमान में इस जीव का अलीगढ़ में मिलना वन विभाग के लिए अचंभित कर देने वाला है. विभाग के अनुसार पहली बार अलीगढ़ में यह जीव मिला है. क्योंकि यह दुर्लभ होने के साथ ही विलुप्त प्रजाति है तो विभाग इसके परिवार को तलाशन में जुट गया है.

फिशिंग कैट का नजर आना जैव विविधता के लिहाज से अच्छा संकेत डीएफओ डीएफओ दिवाकर वशिष्ठ ने बताया कि पहली बार अलीगढ़ में फिशिंग कैट का नजर आना जैव विविधता के लिहाज से अच्छा संकेत है. इस पर गंभीरता से शोध किए जाने की जरूरत है. इस प्रजाति पर संकट मंडराने की वजह उनके निवास पर अतिक्रमण, शहरीकरण और औद्योगिकीकरण है. कृषि उपयोग और मानव बस्तियों के अतिक्रमण से आद्र भूमि का क्षेत्रफल कम हुआ है, जिसके चलते फिशिंग कैट का अस्तित्व संकट में पड़ गया. यह भारत के अलावा बांग्लादेश, कंबोडिया, चीन, म्यांमार, पाकिस्तान, थाईलैंड और श्रीलंका में भी पाई जाती हैं. यहां इनके शिकार पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा हुआ है. दुर्लभ फिशिंग कैट का यूपी में दिखना हैरान करने वाली घटना है.

अलीगढ़ में फिशिंग कैट का मिलना हैरान करने वाली घटना है. यह दुर्लभ व विलुप्त प्रजाति का जीव है. इसके परिवार का भी पता लगाया जा रहा है.

-दिवाकर वशिष्ठ, डीएफओ

 

 

अलीगढ़ न्यूज़ डेस्क

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