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Aligarh  जुलाई के बाद फिर बढ़ा काली नदी का प्रदूषण, ड्रेनों में औद्योगिक उत्प्रवाह से गुणवत्ता दूषित
 

Aligarh  जुलाई के बाद फिर बढ़ा काली नदी का प्रदूषण, ड्रेनों में औद्योगिक उत्प्रवाह से गुणवत्ता दूषित

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  काली नदी का जल प्रदूषण जुलाई के बाद फिर बढ़ गया है. जुलाई व अगस्त में काली नदी के पानी की गुणवत्ता में मामूली सुधार आया था, लेकिन अब जल की गुणवत्ता फिर दूषित हो चुकी है. मेरठ, हापुड़ व बुलंदशहर की औद्योगिक इकाईयों के उत्प्रवाह से अलीगढ़ में काली नदी का पानी दूषित हो रहा है. गंगा की सहायक नदियों में मिलने वाले नालों के पानी में रंग व बीओडी-सीओडी की मात्रा अधिक पाई गई. नमामि गंगे के तहत कराई जा रही जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है.
नमामि गंगे के तहत काली नदी व गंगा की सहायक नदियों में मिलने वाले नालों की पानी मानक से अधिक दूषित मिला है. अलीगढ़ व जाफरी ड्रेन यमुना व गंगा में मिलते हैं. इसी लिए इनकी मॉनीटरिंग महीने में चार दिन कराई जा रही है. काली नदी के पानी के नमूनों की जांच काली रिवर नदरई गेट कासगंज, अतरौली में की जाती है. नदरई गेट कासगंज में काली नदी का पीएच 7.4 जबकि यह 6.0 से नीचे होना चाहिए. रंग हैजन 30 मिलीलीटर है. बीओडी की मात्रा 34 व सीओडी की मात्रा 92 मिली लीटर तक पहुंच गई है. जबकि बीओडी व सीओडी 10 से अधिक नहीं होनी चाहिए. बीओडी व सीओडी की मात्रा अधिक होने का कारण पानी में औद्योगिक उत्प्रवाह का शामिल होना होता है. अतरौली में काली नदी की स्थिति और खराब है. यहां पर काला है और घुलिस ऑक्सीजन 3 मिली लीटर पर पहुंच गई है जो चार से नीचे नहीं जानी चाहिए. सीओडी की मात्रा 58 व बीओडी की मात्रा 112 मिली लीटर पहुंच गई है. कासगंज से अधिक दूषित पानी अतरौली में है.

नमामि गंगे के तहत कासगंज ड्रेन, हनौथी ड्रेन, छेरत, लहटोई ड्रेन, अलीगढ़ ड्रेन, हाथरस ड्रेन के पानी के नमूनों की जांच की जा रही है. उक्त सभी ड्रेनों में पानी का रंग शून्य यानी काला मिला है. घुलिस ऑक्सीजन भी शून्य है. सीओडी की मात्रा 152 व बीओडी की मात्रा 316 तक पहुंच गई है. हाथरस व अलीगढ़ के छेरत स्थित लहटोई ड्रेन में औद्योगिक उत्प्रवाह है, जिसके कारण बीओडी व सीओडी 200 से लेकर 368 मिली लीटर तक पहुंच गई है.
काली नदी में अलीगढ़ का कोई नाला व औद्योगिक उत्प्रवाह शामिल नहीं है. मेरठ, हापुड़ व बुलंदशहर की औद्योगिक इकाईयों का उत्प्रवाह आने से पानी की गुणवत्ता दूषित हो रही है. कासगंज नदरई में कुछ स्थिति बेहतर है. ड्रेनों में भी पानी दूषित है.
डा. जेपी सिंह, प्रभारी अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड


अलीगढ़ न्यूज़ डेस्क
 

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