Samachar Nama
×

अजमेर शरीफ 814वें उर्स के मौके पर PM के बाद CM शर्मा की चादर आज पेशगी, देश में सौहार्द का प्रतीक

अजमेर शरीफ 814वें उर्स के मौके पर PM के बाद CM शर्मा की चादर आज पेशगी, देश में सौहार्द का प्रतीक

राजस्थान की सुप्रसिद्ध ख्वाजा नवाज की दरगाह पर 814वां उर्स (URS) आज से शुरू हो गया। यह उर्स देश में सांस्कृतिक और धार्मिक सौहार्द का बेहतरीन उदाहरण माना जाता है और हर साल लाखों श्रद्धालु इसमें शामिल होते हैं। इस अवसर पर दरगाह परिसर में भक्तिमय माहौल देखने को मिलता है और देश-विदेश से लोग हज़रत ख्वाजा मोईनूद्दीन चिश्ती की दरगाह में आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं।

814वें उर्स के मौके पर 22 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सुफी संत हज़रत ख्वाजा मोईनूद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चादर पेश कर अपनी श्रद्धा अर्पित की थी। इस अवसर पर देश के कई हिस्सों से श्रद्धालु दरगाह पहुंचे और चादर पेशगी कार्यक्रम का हिस्सा बने। प्रधानमंत्री की चादर पेशगी ने देश में सांस्कृतिक और धार्मिक एकता का संदेश दिया।

अब प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ओर से भी अजमेर शरीफ में गरीब नवाज की शान में चादर पेश की जाएगी। मुख्यमंत्री की यह पेशगी भी श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखती है और दरगाह के प्रति उनकी श्रद्धा को दर्शाती है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दरगाह हर जाति, धर्म और क्षेत्र के लोगों को जोड़ने का प्रतीक है और यह देश में भाईचारे और सौहार्द का संदेश देता है।

दरगाह प्रशासन ने बताया कि उर्स के दौरान सुरक्षा व्यवस्था और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। पुलिस और प्रशासन ने जगह-जगह सुरक्षा बिंदु बनाए हैं, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित रूप से इस धार्मिक कार्यक्रम का आनंद ले सकें। इसके साथ ही, सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड-19 गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है।

स्थानीय लोगों और भक्तों ने कहा कि अजमेर शरीफ का उर्स केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं बल्कि देश में आपसी सम्मान और सौहार्द की मिसाल है। इस अवसर पर लोगों में श्रद्धा और भक्ति का माहौल पूरे शहर में देखने को मिलता है।

उर्स के दौरान दरगाह में न केवल चादर पेशगी और अरदास होती है, बल्कि भजन, क़व्वाली और सूफी संगीत का आयोजन भी किया जाता है। यह कार्यक्रम श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव देने के साथ-साथ सुफी संस्कृति और सूफी संगीत को भी जीवित रखता है।

श्रद्धालुओं ने कहा कि इस अवसर पर अजमेर शरीफ में आने से उन्हें मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है। उन्होंने कहा कि गरीब नवाज की दरगाह पर चादर पेश करना और उसकी पूजा करना हर श्रद्धालु के लिए विशेष सम्मान का विषय है।

814वें उर्स के आयोजन से अजमेर शहर में सांस्कृतिक और धार्मिक उत्साह का माहौल बना हुआ है। प्रशासन और दरगाह प्रबंधन का उद्देश्य है कि सभी श्रद्धालु सुरक्षित और शांतिपूर्ण रूप से इस धार्मिक कार्यक्रम का हिस्सा बन सकें।

इस प्रकार, अजमेर शरीफ में शुरू हुआ 814वां उर्स न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देश में सांस्कृतिक और धार्मिक सौहार्द का प्रतीक भी बनता जा रहा है।

Share this story

Tags