Samachar Nama
×

Agra  रश्मि मेडिकेयर सेंटर पर 10 लाख रुपये जुर्माना

Durg '1250 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से वसूला जाएगा जुर्माना: सीएमएचओ के बेटे की कीर्ति लैब पर 1.36 लाख रुपए का जुर्माना

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  गर्भवती को नियमित जांच के लिए बुलाया. इसके बाद भर्ती करते हुए कहा कि प्रसव का समय आ गया. ऑपरेशन के दौरान हालत बिगड़ गई जिसे संभाल न सके. आखिरकार प्रसूता लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद जिंदगी की जंग हार गई. पति ने राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग का दरवाजा खटखटाया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद आयोग अध्यक्ष ने आगरा के मुगल रोड कमला नगर स्थित अस्पताल को लापरवाही का दोषी पाया. आयोग ने पीड़ित को 10 लाख रुपये हर्जाना देने का आदेश सुनाया है. साथ ही मुकदमे का खर्च और मानसिक शरीरिक और आर्थिक प्रताड़ना के ऐवज में दो लाख 20 हजार रुपये अतिरिक्त भुगतान का निर्देश दिया.

यह आदेश आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने हेमराजपुर बरहान आगरा निवासी रामू की ओर से दायर परिवाद की सुनवाई के बाद दिया. परिवादी ने आयोग से कहा था कि उनकी पत्नी ऊषा गर्भवती थीं. उनकी नियमित जांच रश्मि मेडिकेयर सेंटर में की जा रही थी. दो मई 2018 को अस्पताल में नियमित जांच के लिए बुलाया गया जबकि उनको कोई परेशानी नहीं थी. आरोप है कि पैसे ऐंठने के लिए जल्दबाजी में तीन मई को ही ऊषा का ऑपरेशन कर दिया. इसमें लापरवाही बरती हुई. चार मई को अल्ट्रासाउंड करने के बाद डॉक्टरों ने कहा कि उनके पेरिटोनियल में खून एकत्र है. ऑपरेशन किया गया जिस दौरान ऊषा के स्प्लीन में क्षति हो गई. 13 जून को उनकी मृत्यु हो गई.

अस्पताल ने उदासीनता और असावधानी बरती

आदेश में मेडिको लीगल एक्सपर्ट की राय का भी जिक्र किया गया है. आदेश में कहा गया कि चिकित्सक से अपेक्षा की जाती है कि वह सजगता से अपने दायित्व का निर्वहन करेगा. रश्मि मेडिकेयर सेंटर के डॉक्टर ने परिवादी की पत्नी ऊषा देवी के इलाज में उपेक्षा, उदासीनता और असावधानी बरती. ऊषा देवी की मृत्यु होने से उनके बच्चे मां के मातृत्व से वंचित हो गए जिसकी भरपाई किसी भी प्रकार से संभव नहीं है.

 

 

आगरा न्यूज़ डेस्क

Share this story