उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क इनर रिंग रोड से होकर लखनऊ जाने वाले और लखनऊ से आगरा की ओर आने वाले वाहन चालकों से खुलेआम अवैध वसूली की जा रही है. टोल नियमों की धज्जियां उड़ाकर लूट का यह खेल सड़क पर रस्सी डालकर किया जा रहा है. इसको लेकर आए दिन झगड़े हो रहे हैं और विकास प्राधिकरण के अधिकारी टोल ठेके का हवाला देकर वसूली के खेल पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं.
आगरा विकास प्राधिकरण ने इनर रिंग रोड के प्रथम चरण (11.90 किमी) का निर्माण किया था. इस पर टोल वसूली का ठेका मुंबई की मैसर्स फर्म ईगल इंफ्रा इंडिया लिमिटेड को दिया गया है. फर्म ने दो वर्ष के लिए टोल वसूली का ठेका लिया है. प्राधिकरण का टोल प्लाजा रहनकला के पास बना हुआ है.
इनर रिंग रोड से गुजरने के वालों को यहां टोल टैक्स अदा करना होता है, लेकिन पिछले कुछ दिन से टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने टोल प्लाजा से करीब सात किलोमीटर पहले (आगरा की ओर) लखनऊ एक्सप्रेसवे के इंटरचेंज पर वसूली करना शुरू कर दी है. यह वसूली बिना कोई प्लाजा बनाए सड़क पर रस्सी डालकर की जा रही है. वहां बैठे कर्मचारी हर वाहन से 20 रुपये वसूल कर रहे हैं.
महज 2.50 किलोमीटर के 20 रुपये
टोल कर्मियों द्वारा जबरन की जा रही वसूली को लेकर आए दिन झगड़े हो रहे हैं. दरअसल वाहन चालकों का कहना है कि लगभग 2.50 किलोमीटर या हद से हद 3 किलोमीटर सड़क पर चलने के कोई 20 रुपये कैसे वसूल कर सकता है. जबकि यदि किसी को दिल्ली की ओर जाना है तो 11.90 किलोमीटर सड़क चलने के 40 रुपये देने होते हैं, लेकिन यहां केवल 2.50 किलोमीटर के 20 रुपये अदा करने पड़ रहे हैं. इसके बाद लखनऊ एक्सप्रेसवे पर कुछ ही दूर चलने पर एक्सप्रेसवे का टैक्स देना होता है.
यूपीडा से हुआ है विवाद
इनर रिंग रोड पर की जा रही वसूली को लेकर वाहन चालकों से तो झगड़ा हो ही रहा है, यूपीडा से भी वसूली प्रक्रिया को लेकर विवाद हो चुका है. पिछले दिनों उन्होंने भी इस तरह की जा रही वसूली का विरोध जताया था. बाद में एडीए और यूपीडा के अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी. एडीए के अधिकारी बता रहे हैं कि यूपीडा का विरोध वसूली को लेकर नहीं था, बल्कि उनकी जमीन पर वसूली केंद्र बनाने का विरोध था.
इनर रिंग रोड का टोल वसूली का ठेका दो वर्ष के लिए 88 करोड़ रुपये में उठाया गया है. विकास प्राधिकरण ने टेंडर की शर्तों में लखनऊ एक्सप्रेसवे से आने वाले वाहनों से वसूली का प्रावधान किया है. वहां प्लाजा का निर्माण करना होगा. चालकों से विवाद के विषय में कोई जानकारी नहीं है.
पूरन कुमार, मुख्य अभियंता, विकास प्राधिकरण
आगरा न्यूज़ डेस्क

