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Agra  टेहल सिंह टहले पर दोषी अब तक पकड़ से हैं दूर

Lucknow  जलकल की जमीन पर एक और दावा, जल्दी बड़ी कार्रवाई होगी

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  बोदला की 10 हजार वर्ग गज जमीन के मुख्य किरदार रहे टेहल सिंह ने  को अपने जिंदा होने का प्रमाण स्वयं तहसील सदर आकर दे दिया. पुलिस से लेकर न्यायालय तक में अपने बयान दर्ज करा दिए. तहसील स्तर से जांच का काम पूरा हो गया है. अब वारिसान और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में शामिल लगभग डेढ़ दर्जन अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी है.

वर्ष 1970 से आगरा में रहे और 1984 में खन्ना तहसील जिला लुधियाना जाकर बस गए टेहल सिंह अभी भी जिंदा हैं, लेकिन सरकारी सिस्टम के आगे भला कौन जीत सकता है. जालसाजों ने उनकी मौत 2008 में दिखाकर वर्ष 2019 में नगर निगम से उनका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करा लिया. जालसाजों का खेल यहीं तक नहीं रुका. उन्होंने टेहल सिंह के साले जसबीर सिंह को उनका फर्जी बेटा बना दिया और उनके नाम से वर्ष 2019 में वारिसान भी जारी करा लिया. जबकि जसबीर की मौत 2009 में हो गई थी. जालसाजों ने जसबीर की का प्रमाण देने अपने दोनों बेटों जगदेव सिंह और हरजीत सिंह के साथ लुधियाना से आगरा तक चले आए.

इस संबंध में एसडीएम सदर नवोदिता शर्मा का कहना है कि जांच का काम चल रहा है. टेहल सिंह स्वयं अपने बयान दर्ज करा चुके हैं. तहसीलदार सदर की रिपोर्ट मिलने के बाद दोषियों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई की जाएगी. तहसीलदार सदर अविचल प्रताप सिंह का कहना है कि उन्होंने टेहल सिंह से बयान दर्ज कराने के बाद कुछ साक्ष्य मांगे हैं. उनके मिलते ही जांच पूरी हो जाएगी. रिपोर्ट एसडीएम सदर को सौंप दी जाएगी. वहीं, फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र की जांच कर रहे अपर नगर आयुक्त विनोद कुमार गुप्ता का कहना है कि उन्होंने इस प्रकरण में सभी लोगों के बयान दर्ज करा लिए हैं. टेहल सिंह द्वारा पंजीकृत डाक से उनका मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जी बन जाने के संबंध में पत्र मिला है. उनसे स्वयं उपस्थिति होकर बयान दर्ज कराने को कहा गया है.

 

 

आगरा न्यूज़ डेस्क

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