उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क दस साल पहले तक फैटी लिवर का सबसे बड़ा कारण हेपेटाइटिस-बी और सी का संक्रमण था. सामाजिक स्वीकार्यता से अब एल्कोहल पहले नंबर पर आ गया है. दूसरे नंबर पर नान एल्कोहलिक लोगों को समस्या है. वायरस अब तीसरे नंबर परहैं.
एसोसिएशन आफ फिजीशियंस आफ इंडिया (एपीआई) की सालाना कांफ्रेंस यूपीएपीआईकान-24 यूपी चैप्टर की कांफ्रेंस में संजय गांधी पीजीआई लखनऊ के निदेशक पद्मश्री डा. आरके धीमान ने बताया कि शराब और नशीली चीजों के साथ खानपान में भी खराबी आई है. कोल्ड ड्रिंक, पैक्ड फूड से फैट जमा होने लगता है. फैट बढ़ने के साथ डायबिडीज और हायपरटेंशन की दिक्कतें शुरू होती हैं. पेट बाहर निकल आता है. ऐसा होने पर शरीर का अच्छा कोलेस्ट्रोल कम और बुरा बढ़ जाता है. शुगर, हाई बीपी और ओबेसिटी हैं देश में हर साल 4.5 फीसदी लिवर के मरीजों को सिरोसिस के बाद कैंसर हो जाता है.
घी और तेल से नहीं कोई नुकसान
खाने में सरसों के शुद्ध तेल का प्रयोग करने से लिवर पर फैट नहीं बढ़ता. पहले यह धारणा थी कि घी का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए. लेकिन नए शोधों के मुताबिक घी से नुकसान की आशंका बहुत कम है. शर्त यह कि इसे सीमित या संतुलित मात्रा में लिया जा सकता है.
नेजल पफ से रुक जाएंगे मिर्गी के दौरे
एम्स दिल्ली में न्यूरोलाजी की प्रोफेसर डा. मंजरी त्रिपाठी ने बताया कि 70 फीसदी तक मिर्गी की बीमारी ठीक हो जाती है. दौरे पड़ने के पांच मिनट के अंदर अगर नेजल पफ डाल दिया जाए तो स्ट्रोक बंद हो सकता है. 30 मिनट से अधिक दौरे पड़ने तक ब्रेन डैमेज होने का खतरा बढ़ता है.
भारतीय शैली से पनपेंगे अच्छे जीवाणु
केजीएमयू लखनऊ के डा. पुनीत कुमार ने बताया कि एल्कोहल और तंबाकू के अधिक सेवन से शरीर के अच्छे बैक्टीरिया खत्म या तेजी से कम हो रहे हैं. जबकि खराब बैक्टीरिया पनप रहे हैं. पाश्चात्य खानपान और जीवनशैली इसके लिए जिम्मेदार है.
30 फीसदी बच्चों के फैटी लिवर
डा. धीमान ने बताया कि चंडीगढ़ पीजीआई ने वहां कक्षा 12 तक के स्कूली बच्चों का सर्वे कराया था. इसमें 30 फीसदी बच्चे फैटी लिवर और 25 फीसदी ओबेसिटी (मोटापा) से ग्रस्त पाए गए. इसका मुख्य कारण पार्कों या मैदानों में खेलकूद बंद होना. कोई भी बच्चा 1.5 घंटे की कसरत, साइकिलिंग करने वाला नहीं मिला. कोल्ड ड्रिंक्स, चिप्स जैसे पैक्ड फूड का ज्यादा प्रयोग है.
आगरा न्यूज़ डेस्क