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Agra  प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री को झटका, बाजार खुश, भेजते थे बिना बैच की दवाएं 
 

Agra  प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री को झटका, बाजार खुश, भेजते थे बिना बैच की दवाएं 


उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   केंद्र सरकार ने आनलाइन दवा बेचने वाली कंपनियों पर शिकंजा कस दिया है. अब वे मनमाने ढंग से दवाएं नहीं बेच पाएंगे. इससे नशे संबंधी और प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री पर लगाम लगेगी. दूसरी ओर दवा बाजार भी खुश है. अनुमान के मुताबिक मैनुअल बिक्री में करीब 30 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की उम्मीद है.

ई-फार्मा कंपनियां दवा बाजार से 80 प्रतिशत तक रियायती दरों पर दवाइयां मुहैया कराने का दावा करती थीं. कोई भी कैसी भी दवा आसानी से घर बैठे मंगवा सकता था. इधर औषधि विभाग ने नशे और प्रतिबंधित दवाओं के कारोबारियों पर लगाम कसना शुरू कर दिया था. उत्तर प्रदेश के साथ कई प्रदेशों में छापेमारी और गिरफ्तारियों की झड़ी लग गई. सूत्रों की मानें तो दवाओं के काले कारोबार में लगे सौदागरों ने आनलाइन कंपनियों का दामन थामा. यहीं से सप्लाई करने लगे. ई-फार्मा कंपनियां पहले से मोनोपाली की दवाइयां बेचती रही हैं. इनके अलावा नशे में इस्तेमाल होने वाली दवाएं, सेक्सवर्धक, गर्भ जांच किट, गर्भपात किट दवाएं भी आसानी से मिल रही थीं. जबकि इनकी बिक्री प्रतिबंधित है. दवा कारोबारियों की एसोसिएशन लंबे समय से ई-फार्मा कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रही थी. अब केंद्र ने इन पर शिकंजा कस दिया है. इस तरह की दवाइयों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है.
ई-फार्मा में दवाइयों के बिल भेजे जाते थे. लेकिन दवाओं के बैच नंबर नहीं होते थे. इसमें नकली की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता. कई मामलों में नकली दवाएं निकलने पर संबंधित फार्मा कंपनियों पर दावे भी किए गए मगर सभी ने दवाओं को अपना मानने से इंकार कर दिया. यानि गड़बड़ी निकलने पर शिकायत करने पर कोई राहत नहीं थी.
दवा विक्रेताओं के साथ लोगों का भी फायदा होगा. गलत दवा होने पर वह कैमिस्ट को पकड़ सकते हैं. ई-फार्मा में ऐसा नहीं था. गलत लोग अब प्रतिबंधित दवाएं नहीं खरीद पाएंगे. डाक्टर के बिना पर्चे नारकोटिक्स की दवाएं भी नहीं मिलेंगी.
पुनीत कालरा, उपाध्यक्ष आगरा फार्मा एसोसिएशन.


आगरा न्यूज़ डेस्क
 

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