क्या घटेगी आपके Loan की EMI? बस आजभर का इंतजार, फिर इतनी घट जाएगी EMI

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की आज की बैठक से देश के करोड़ों लोनधारकों को बड़ी राहत की उम्मीद है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा आज सुबह 10 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रेपो रेट को लेकर बड़ा ऐलान कर सकते हैं। मौजूदा हालात और विशेषज्ञों की राय से संकेत मिल रहा है कि RBI इस बार रेपो रेट में कटौती कर सकता है, जिससे होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन लेने वालों को सीधे तौर पर फायदा होगा।
क्या हो सकती है रेपो रेट में कटौती?
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है। अभी यह 6% पर है। जानकारों का कहना है कि इस बार 25 से 50 बेसिस पॉइंट (0.25% से 0.50%) की कटौती संभव है। SBI की रिसर्च रिपोर्ट में भी यह कहा गया है कि RBI इस बार मौद्रिक ढांचे को लचीला बनाए रखने और आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार देने के उद्देश्य से 50 बेसिस पॉइंट तक की कटौती कर सकता है। यह कटौती उस समय आ रही है जब वैश्विक मंदी के संकेत और घरेलू मांग में अस्थिरता देखी जा रही है।
25 या 50 बेसिस पॉइंट की कटौती का क्या असर?
अगर RBI 25 बेसिस पॉइंट यानी 0.25% की कटौती करता है, तो रेपो रेट 5.75% हो जाएगा। वहीं 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की स्थिति में यह दर 5.50% तक आ सकती है।
होम लोन पर असर: EMI में कितनी राहत?
50 लाख के होम लोन पर उदाहरण:
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वर्तमान स्थिति:
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लोन राशि: ₹50 लाख
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अवधि: 30 साल
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ब्याज दर: 9%
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EMI: ₹40,231
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अगर RBI 50 बेसिस पॉइंट की कटौती करता है और बैंक ब्याज दर घटाकर 8.5% कर देता है:
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नई EMI: ₹38,446
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हर महीने ₹1,785 की बचत, सालाना लगभग ₹21,420 की राहत।
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25 बेसिस पॉइंट की कटौती की स्थिति में EMI ₹39,334 तक आ सकती है, यानी ₹900 से अधिक की मासिक बचत।
ऑटो लोन और अन्य लोन पर प्रभाव
रेपो रेट में कटौती का असर केवल होम लोन तक सीमित नहीं है। ऑटो लोन, एजुकेशन लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरें भी कम हो सकती हैं, बशर्ते संबंधित बैंक रेपो रेट के अनुसार अपनी लेंडिंग दरों को घटाएं। इससे बाजार में कर्ज लेना आसान होगा और कंज्यूमर स्पेंडिंग में इजाफा देखने को मिल सकता है।
20 लाख के लोन पर EMI में राहत का गणित
अगर आपने 20 लाख का होम लोन 20 साल के लिए 9% ब्याज पर लिया है:
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वर्तमान EMI: ₹17,995
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50 बेसिस पॉइंट की कटौती के बाद नई EMI: ₹17,356
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बचत: ₹639 प्रति माह यानी सालाना ₹7,668
बैंक भी घटाएं ब्याज दर तभी मिलेगा फायदा
यह ध्यान देने योग्य है कि केवल RBI द्वारा रेपो रेट में कटौती से ही आपके लोन की EMI कम नहीं होगी, जब तक कि आपका बैंक भी ब्याज दरों में बदलाव नहीं करता। इसलिए सभी लोन लेने वालों को यह देखना होगा कि उनके बैंक कितनी जल्दी और कितनी कटौती पास-ऑन करते हैं।
क्यों जरूरी है यह कटौती?
भारत की अर्थव्यवस्था इस समय वैश्विक मंदी, मॉनसून की अनिश्चितता और उपभोक्ता मांग में उतार-चढ़ाव से जूझ रही है। RBI की यह कटौती:
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कर्ज लेने की लागत कम करेगी
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रियल एस्टेट और ऑटो सेक्टर को रफ्तार देगी
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उपभोक्ता खर्च बढ़ाएगी
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महंगाई को संतुलित बनाए रखने में मदद करेगी
निष्कर्ष
RBI की मौद्रिक नीति बैठक आज लोनधारकों और आम उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर लेकर आ सकती है। यदि रेपो रेट में कटौती होती है, तो यह न केवल आपकी EMI घटाएगी, बल्कि भारतीय बाजार में आर्थिक गतिविधियों को नई ऊर्जा भी देगी। अब देखने वाली बात यह होगी कि RBI वास्तव में कितनी कटौती करता है और देश के बड़े बैंक कितनी जल्दी इसका फायदा ग्राहकों को देते हैं।