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आखिर भारत के बच्चों के साथ क्यों भेदभाव कर रहा नेस्ले,जाने क्या है पूरा मामला 

आखिर भारत के बच्चों के साथ क्यों भेदभाव कर रहा नेस्ले,जाने क्या है पूरा मामला 

बिज़नस न्यूज़ डेस्क, स्विट्जरलैंड की दिग्गज कंपनी नेस्ले एक बार फिर विवादों में घिर गई है। 2015 में कंपनी मैगी को लेकर विवादों में घिरी थी। अब स्विस कंपनियों पर नजर रखने वाली वेबसाइट 'पब्लिक आई' की जांच के बाद कंपनी फिर विवादों में घिर गई है। नेस्ले पर हुई जांच में पता चला है कि कंपनी भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाले दो बेबी प्रोडक्ट्स में बड़ी मात्रा में चीनी का इस्तेमाल करती है। जबकि जब ये प्रोडक्ट्स यूरोप, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे विकसित देशों में बेचे जाते हैं तो इनमें चीनी बिल्कुल नहीं होती। इस विवाद के बाद कंपनी के शेयरों में गिरावट आई है। गुरुवार के कारोबारी सत्र में कंपनी के शेयर में 3.5 फीसदी की गिरावट आई है। आइए जानते हैं क्या है पूरा विवादनेस्ले स्विट्जरलैंड की जानी-मानी कंपनी है और इसके प्रोडक्ट्स भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बिकते हैं। अब सवाल यह है कि क्या नेस्ले बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रही है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन है। नियमों के मुताबिक बच्चों के दूध और सेरेलेक जैसे उत्पादों में अधिक चीनी मिलाना मोटापे और पुरानी बीमारियों को रोकने के लिए बनाए गए अंतरराष्ट्रीय दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है।

नेस्ले के लिए भारत एक बड़ा बाजार है

यह बात भारत के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि भारत में नेस्ले के बेबी उत्पादों की बिक्री दबी हुई है। आंकड़ों के मुताबिक, साल 2022 में नेस्ले ने भारत में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक के सेरेलेक उत्पाद बेचे हैं। भारत में बिकने वाले बेबी उत्पादों में आमतौर पर 3 ग्राम चीनी होती है, जबकि अगर ब्रिटेन, जर्मनी, यूरोप जैसे विकसित देशों की बात करें तो यहां चीनी की मात्रा शून्य है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, अधिक चीनी मोटापे का कारण बनती है। खासकर बच्चे अधिक चीनी की आदत लगने के कारण कम उम्र में ही मोटे हो जाते हैं। स्विट्जरलैंड में बिक रहे कंपनी के इन उत्पादों की बात करें तो कंपनी अपने देश में इन उत्पादों में चीनी नहीं मिलाती है।

शेयरों में गिरावट

पब्लिक आई की इस रिपोर्ट के बाद कंपनी के शेयरों में गिरावट दर्ज की जा रही है। गुरुवार को बाजार खुलने के बाद नेस्ले के शेयर में 3 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। खबर लिखे जाने तक नेस्ले इंडिया का शेयर 3.39 फीसदी की गिरावट के साथ 2459 रुपये पर कारोबार करता नजर आया। अगर पिछले एक साल की बात करें तो नेस्ले इंडिया के शेयर ने करीब 19 फीसदी का रिटर्न दिया है। बेबी प्रोडक्ट्स में ज्यादा शुगर की रिपोर्ट के बाद नेस्ले इंडिया का शेयर 4 महीने के निचले स्तर पर चला गया है। सिर्फ भारत की बात करें तो नेस्ले इंडिया भारतीय बाजार से खूब कमाई कर रही है।

नेस्ले के बेबी प्रोडक्ट इन देशों में मशहूर

नेस्ले के बेबी प्रोडक्ट्स पूरी दुनिया में मशहूर हैं। भारत इन प्रोडक्ट्स का बड़ा बाजार है। इसके साथ ही कंपनी के ये प्रोडक्ट्स लैटिन अमेरिका, चीन, रूस, ब्राजील, इंडोनेशिया और सऊदी अरब में भी काफी मशहूर हैं। कंपनी की मार्केटिंग रणनीति की बात करें तो कंपनी इन प्रोडक्ट्स को मध्यम वर्ग की आबादी वाले देशों में ज्यादा आक्रामक तरीके से लॉन्च करती है। सेरेलेक जैसे प्रोडक्ट्स के बारे में कहा जाता है कि ये बच्चों के लिए संपूर्ण आहार का काम करते हैं। ऐसे में जब इन खाद्य पदार्थों में शुगर की मात्रा ज्यादा होगी तो बच्चे को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है।

कंपनी ने जारी किया बयान

नेस्ले ने पूरे मामले पर बयान जारी किया है। नेस्ले के प्रवक्ता ने टीवी9 भारतवर्ष को बताया कि कंपनी बच्चों के लिए बनाए जाने वाले सभी उत्पादों में गुणवत्ता का खास ख्याल रखती है। कंपनी के मुताबिक नेस्ले इंडिया ने पिछले 5 सालों में शिशु अनाज पोर्टफोलियो में अतिरिक्त चीनी की मात्रा को 30 फीसदी तक कम किया है। हालांकि, यह उत्पाद के वैरिएंट पर निर्भर करता है। कंपनी का कहना है कि नेस्ले समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करती है। कंपनी गुणवत्ता, सुरक्षा और स्वाद से समझौता किए बिना अतिरिक्त चीनी के स्तर को कम करने के लिए समय-समय पर अपने उत्पादों में सुधार करती रहती है।

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