फरवरी की रिकॉर्ड तेजी के बाद मार्च में क्यों गिर रही ईंधन की बिक्री? मौसम से है ये कनेक्शन

बिज़नस न्यूज़ डेस्क, भारत में डीजल और पेट्रोल जैसे ईंधनों की बड़े पैमाने पर खपत होती है। अर्थव्यवस्था के बढ़ते आकार के साथ उनकी खपत भी बढ़ रही है। यही वजह है कि पिछले महीने देश में डीजल और पेट्रोल की बिक्री का नया रिकॉर्ड बना।
इतनी घटी पेट्रोल की मांग
उद्योग जगत के शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक मार्च के पहले दो हफ्तों के दौरान ईंधन की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है। इस दौरान 12.2 लाख टन पेट्रोल की बिक्री हुई, जो एक साल पहले इसी अवधि के मुकाबले 1.4 फीसदी कम है. मासिक आधार पर मार्च के पहले दो हफ्तों में पेट्रोल की बिक्री में 0.50 फीसदी की कमी आई है.
डीजल की मांग में भी कमी आई है
देश में सबसे ज्यादा खपत वाले ईंधन डीजल की बात करें तो इसकी मांग में भी कमी आई है। 01 मार्च से 15 मार्च के दौरान देश में डीजल की मांग 10.2 फीसदी घटकर 31.8 लाख टन पर आ गई. एक साल पहले इसी अवधि में देश में 35.4 लाख टन डीजल की खपत हुई थी।
फरवरी में इतनी तेजी से आया
इससे पहले फरवरी के आंकड़ों पर नजर डालें तो पहले दो हफ्तों के दौरान सालाना आधार पर पेट्रोल की खपत में करीब 18 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. वहीं डीजल की बिक्री में करीब 25 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है.
ये कारण जिम्मेदार हैं
फरवरी के महीने में कृषि क्षेत्र से ईंधन की भारी मांग रही। इसके अलावा सर्दी की सुस्ती के बाद परिवहन क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ने से भी ईंधन की खपत बढ़ाने में मदद मिली. मार्च के महीने की बात करें तो तापमान में बढ़ोतरी के साथ-साथ इस महीने में हर साल ईंधन यानी डीजल-पेट्रोल की मांग में भी कमी देखने को मिलती है.
फरवरी महीने में एविएशन सेक्टर में रफ्तार लौटने से फ्यूल की डिमांड भी बढ़ी है। भारत का विमानन क्षेत्र कोरोना महामारी के प्रभाव से तेजी से उबर रहा है। घरेलू विमानन क्षेत्र कोविड महामारी से पहले के स्तर पर पहुंच गया है।