एक छात्र के जीवन पर GST की दरों में कमी के बाद क्या कुछ बदला और कैसे ?
GST (Goods and Services Tax) यानी वस्तु एवं सेवा कर, भारत में 2017 में लागू किया गया था। इसका उद्देश्य देश में अलग-अलग करों को एक कर में समेकित करना और कर प्रणाली को सरल बनाना था। GST के लागू होने के बाद समय-समय पर इसकी दरों में बदलाव होता रहा है। इन बदलावों का असर आम जनता पर सीधे पड़ता है, और इसमें छात्र समुदाय भी शामिल है। छात्र, चाहे स्कूल के हों, कॉलेज के या विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे हों, अक्सर सीमित बजट में अपने जीवन का प्रबंधन करते हैं। इसलिए, GST में कमी उनके जीवन पर कई स्तरों पर असर डालती है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि GST दरों में कमी का एक छात्र के जीवन पर क्या और कैसे प्रभाव पड़ता है।
1. शैक्षणिक सामग्री पर प्रत्यक्ष असर

- छात्रों के लिए सबसे जरूरी चीज़ें हैं – किताबें, नोटबुक, स्टेशनरी और अन्य शैक्षणिक उपकरण। ये सभी वस्तुएँ GST के दायरे में आती हैं। अगर इन पर GST में कमी होती है, तो छात्रों को यह सामग्री सस्ते दाम में मिलती है।
- उदाहरण के लिए, अगर किसी पाठ्यपुस्तक पर GST 12% से घटकर 5% हो जाती है, तो प्रत्येक किताब की कीमत में कुछ रुपये की बचत होती है। जबकि यह राशि अकेले में कम लग सकती है, पूरे सेमेस्टर या वर्ष में छात्र की कुल बचत काफी बढ़ जाती है।
- स्टेशनरी जैसे पेन, पेंसिल, रूलर, जर्नल और नोटबुक भी रोजमर्रा की जरूरतें हैं। GST में कमी होने से इन पर होने वाला खर्च कम हो जाता है। इसका प्रत्यक्ष लाभ छात्रों को होता है क्योंकि उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए जरूरी सामान कम कीमत में मिल जाता है।
2. इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और डिजिटल शिक्षा पर प्रभाव

- आजकल शिक्षा में तकनीक का महत्व बढ़ गया है। छात्र लैपटॉप, टैबलेट, प्रिंटर, कीबोर्ड, हेडफ़ोन और इंटरनेट जैसी चीज़ों का उपयोग अपनी पढ़ाई और प्रोजेक्ट्स के लिए करते हैं।
- अगर इन उपकरणों पर GST कम होती है, तो कीमतें कम हो जाती हैं। उदाहरण के तौर पर, यदि एक लैपटॉप पर GST 18% से घटकर 12% हो जाती है, तो छात्र को उस लैपटॉप पर सस्ती दर से भुगतान करना पड़ता है।
- साथ ही, ऑनलाइन शिक्षा और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म पर भी GST की दर में कमी होने से छात्रों के लिए डिजिटल कोर्स, ऑनलाइन टेस्ट और शैक्षणिक ऐप्स सस्ते हो जाते हैं। यह विशेष रूप से उन छात्रों के लिए लाभकारी है जो घर से बाहर रहते हैं और ऑनलाइन अध्ययन पर अधिक निर्भर हैं।
3. खाद्य और दैनिक आवश्यकताओं पर असर
- छात्र जो हॉस्टल में रहते हैं या स्वयं अपने खर्च का प्रबंधन करते हैं, उनके लिए दैनिक भोजन, स्नैक्स, पेय पदार्थ और अन्य उपयोग की वस्तुएँ महत्वपूर्ण हैं।
- GST में कमी होने से इन वस्तुओं की कीमत घटती है। उदाहरण के लिए, दूध, दही, बिस्किट, जूस या स्नैक्स पर GST घटने से छात्र अपने दैनिक खर्च में कुछ बचत कर सकते हैं।
- यह बचत छोटे स्तर पर प्रत्यक्ष लाभ देती है, लेकिन समय के साथ यह मासिक बजट पर बड़ा प्रभाव डालती है। छात्र इस बचत का उपयोग अन्य आवश्यकताओं जैसे किताबें, ऑनलाइन कोर्स या अतिरिक्त शिक्षा सामग्री में कर सकते हैं।
4. मनोरंजन और सांस्कृतिक गतिविधियों पर प्रभाव
- छात्रों का जीवन केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं है। उनके लिए मनोरंजन, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी महत्वपूर्ण हैं। फिल्मों, कॉन्सर्ट्स, ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म, वीडियो गेम और खेल सामग्री पर भी GST लागू होता है।
- GST में कमी होने से इन गतिविधियों का खर्च कम हो जाता है। उदाहरण के लिए, यदि एक ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म का सब्सक्रिप्शन 18% GST के बजाय 5% GST पर आता है, तो छात्र इसे सस्ते में ले सकते हैं।
- इसका परिणाम यह होता है कि छात्र अपने मनोरंजन और सांस्कृतिक विकास के लिए बजट का बेहतर प्रबंधन कर सकते हैं और अतिरिक्त खर्च से बच सकते हैं।
5. सामान्य बजट और वित्तीय स्वतंत्रता में सुधार
- छात्र अक्सर सीमित बजट पर रहते हैं। उन्हें अपनी फीस, शैक्षणिक सामग्री, दैनिक खर्च और मनोरंजन का ध्यान रखना होता है। GST में कमी होने से उनकी मासिक और वार्षिक खर्चों में कमी आती है।
- छोटे-छोटे खर्चों में बचत छात्रों को वित्तीय स्वतंत्रता देती है। उदाहरण के लिए, जो छात्र पार्ट-टाइम काम कर रहे हैं या अपने खर्च खुद उठाते हैं, वे अब अपनी बचत को लंबे समय तक उपयोग कर सकते हैं।
- छात्र अपने बचाए गए पैसे का उपयोग पाठ्यपुस्तक, ऑनलाइन कोर्स, खेल गतिविधियाँ या अन्य विकासात्मक कार्यों में कर सकते हैं। इस प्रकार, GST में कमी छात्रों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाती है।
6. मानसिक और सामाजिक प्रभाव

- छात्र जीवन में वित्तीय दबाव एक आम समस्या है। फीस, किताबें, हॉस्टल खर्च और दैनिक आवश्यकताओं के लिए सीमित संसाधनों में संतुलन बनाना कठिन होता है। GST में कमी का असर मानसिक रूप से भी छात्रों को राहत देता है।
- छात्र को अब यह चिंता कम होती है कि उनकी आवश्यकताएँ महंगी हो रही हैं। कम कीमतें और बढ़ी हुई बचत छात्रों को अपने अध्ययन और व्यक्तिगत विकास पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की स्वतंत्रता देती हैं।
- सामाजिक दृष्टि से भी इसका महत्व है। छात्र अब कम खर्च में समान स्तर की शिक्षा और मनोरंजन का लाभ उठा सकते हैं। यह उनके आत्म-सम्मान और सामाजिक संतुलन में भी मदद करता है।
7. उदाहरण के माध्यम से व्यावहारिक लाभ
मान लें कि एक छात्र का मासिक खर्च इस प्रकार है:
वस्तु/सेवा मासिक खर्च (रुपये) GST में कमी से बचत (रुपये) नई कीमत (रुपये)
पाठ्यपुस्तक और स्टेशनरी 1500 45 1455
लैपटॉप/इलेक्ट्रॉनिक्स 5000 250 4750
भोजन और दैनिक उपयोग 3000 90 2910
मनोरंजन (स्ट्रिमिंग, गेम) 800 50 750

