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एक ग्रहणी  के जीवन में  GST की दरों  में कमी से क्या और कैसे पड़ेगा प्रभाव ?

GST (Goods and Services Tax) यानी वस्तु एवं सेवा कर, भारत में 2017 में लागू किया गया था। इसका उद्देश्य देश में अलग-अलग करों को एक कर में समेकित करना और कर प्रणाली को सरल बनाना था। GST के लागू होने के बाद कई बार इसकी दरों में...
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GST (Goods and Services Tax) यानी वस्तु एवं सेवा कर, भारत में 2017 में लागू किया गया था। इसका उद्देश्य देश में अलग-अलग करों को एक कर में समेकित करना और कर प्रणाली को सरल बनाना था। GST के लागू होने के बाद कई बार इसकी दरों में बदलाव हुआ है, और हर बदलाव का प्रभाव सीधे तौर पर आम जनता, विशेषकर गृहिणियों पर पड़ता है। गृहिणी यानी घर का वह सदस्य जो घर के खर्च, बजट और दैनिक जरूरतों का प्रबंधन करती है, सीधे तौर पर GST दरों में बदलाव का अनुभव करती है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि GST दरों में कमी का एक गृहिणी के जीवन पर क्या और कैसे असर पड़ता है।

1. रोजमर्रा की घरेलू जरूरतों पर प्रभाव

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एक गृहिणी के जीवन का सबसे बड़ा हिस्सा रोजमर्रा की घरेलू जरूरतों को पूरा करने में जाता है। इसमें आटा, दालें, चावल, तेल, मसाले, दूध, सब्ज़ियाँ, फल, साफ-सफाई के उत्पाद और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएँ शामिल होती हैं। जब इन वस्तुओं पर GST की दर कम होती है, तो इनके दाम सीधे तौर पर घट जाते हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी ब्रांडेड आटे पर GST 5% से घटकर 2.5% हो जाती है, तो 10 किलो आटे की कुल कीमत में कुछ रुपये की बचत होती है। इस बचत का असर छोटे-छोटे खर्चों में भी दिखाई देता है। गृहिणी को हर माह ऐसे कई अवसर मिलते हैं जब वे दैनिक जरूरतों के सामान पर कम खर्च करके अपने घर का बजट संतुलित कर सकती हैं। इस प्रकार, GST की दरों में कमी रोजमर्रा की वस्तुओं की खरीद को सस्ता बनाती है और गृहिणी के जीवन में आर्थिक राहत लाती है।

2. बजट और वित्तीय प्रबंधन में सुधार

एक गृहिणी का मुख्य कार्य घर के बजट का प्रबंधन करना होता है। वह यह तय करती है कि महीने में किस पर कितना खर्च किया जाएगा। GST में कमी से दैनिक खर्च में कम पैसे लगते हैं, जिससे कुल बजट में राहत मिलती है। उदाहरण के लिए, यदि एक परिवार का मासिक किराना खर्च 15,000 रुपये है और GST में कमी के कारण 5% तक की बचत होती है, तो गृहिणी हर माह लगभग 750 रुपये बचा सकती है। यह बचत छोटे खर्चों जैसे बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य, घरेलू उपकरण या अन्य आवश्यकताओं में इस्तेमाल की जा सकती है। इस प्रकार, GST की दरों में कमी न केवल सीधे खर्च को घटाती है बल्कि गृहिणी को अपने वित्तीय प्रबंधन में भी अधिक लचीलापन प्रदान करती है।

3. महंगे घरेलू उपकरण और सेवाओं पर असर

आजकल अधिकांश घरों में इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर, सफाई उपकरण और अन्य घरेलू उपकरणों की खरीद होती है। साथ ही घर की साफ-सफाई, देखभाल और मरम्मत जैसी सेवाओं के लिए भी भुगतान करना पड़ता है। यदि इन वस्तुओं और सेवाओं पर GST में कमी होती है, तो उनकी कीमतें सस्ती हो जाती हैं। उदाहरण के तौर पर, यदि घरेलू उपकरण जैसे मिक्सर, वॉशिंग मशीन या फ्रिज पर GST घटकर 12% से 5% हो जाती है, तो गृहिणी को बड़ी खरीदारी करने में आर्थिक रूप से सहूलियत मिलती है। इसके अलावा, घर से जुड़ी सेवाओं पर GST में कमी से गृहिणी इन सेवाओं का लाभ आसानी से उठा सकती हैं, जैसे घरेलू सफाई, इंस्टालेशन या होम डिलीवरी सेवाएँ। इस प्रकार, GST की दरों में कमी गृहिणी को जीवन को सरल और सुविधाजनक बनाने में मदद करती है।

4. ऑनलाइन खरीदारी और डिजिटल लेन-देन पर असर

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आजकल गृहिणियाँ ऑनलाइन खरीदारी का भी अधिक इस्तेमाल करती हैं। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर किराना, कपड़े, घरेलू उपकरण और अन्य वस्तुएँ उपलब्ध हैं। GST में कमी होने से ऑनलाइन उत्पादों की कीमतों में भी कमी आती है। इसका मतलब है कि गृहिणी अब घर बैठे कम दाम में सामान खरीद सकती हैं। साथ ही डिजिटल भुगतान का प्रचलन बढ़ने से उन्हें समय और यात्रा दोनों की बचत होती है। इससे गृहिणी के जीवन में सुविधा और आराम बढ़ता है।

5. महंगाई और जीवन स्तर पर प्रभाव

महंगाई, यानी रोजमर्रा की वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी, गृहिणी के जीवन को सीधे प्रभावित करती है। जब GST की दरें कम होती हैं, तो वस्तुओं की कीमत घटने से महंगाई दर पर नियंत्रण में मदद मिलती है। यह सीधे तौर पर गृहिणी के जीवन स्तर को सुधारता है। कम कीमतों के कारण गृहिणी को समान जीवन स्तर बनाए रखने में कठिनाई नहीं होती। परिवार के लिए आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी आसानी से की जा सकती है।

6. मानसिक और सामाजिक प्रभाव

  • कम कीमतों और बढ़ी हुई बचत का असर मानसिक रूप से भी पड़ता है। गृहिणी को वित्तीय दबाव कम महसूस होता है, और वह परिवार के लिए बेहतर योजना बना सकती हैं।
  • साथ ही, सामाजिक दृष्टि से भी इसका प्रभाव होता है। कम खर्च करने की क्षमता गृहिणी को घर और समाज में अपनी भूमिका को और प्रभावी बनाने में मदद करती है।

उदाहरण के माध्यम से व्यावहारिक लाभ

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मान लें कि एक गृहिणी के मासिक खर्च में निम्नलिखित शामिल हैं:

वस्तु/सेवा                                              मासिक खर्च (रुपये)    GST दर में कमी से बचत (रुपये)           नई कीमत (रुपये)
आटा और दाल                                             2000                                        50                            1950
तेल और मसाले                                            1000                                        25                             975
दूध और डेयरी उत्पाद                                   1500                                        37.5                          1462.5
घरेलू सफाई उत्पाद                                        800                                         20                            780
इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (किराया/किराया सेवाएँ)    2000                                      100                           1900

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