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आज रात हो सकता है टैरिफ डील का ऐलान! 10-20% शुल्क के बाद भी भारत को कैसे होगा आर्थिक लाभ ? यहां विस्तार से जाने सबकुछ 

आज रात हो सकता है टैरिफ डील का ऐलान! 10-20% शुल्क के बाद भी भारत को कैसे होगा आर्थिक लाभ ? यहां विस्तार से जाने सबकुछ 

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते (भारत-अमेरिका मिनी ट्रेड डील) का ऐलान आज रात कभी भी हो सकता है, क्योंकि अमेरिकी टैरिफ की समयसीमा 9 जुलाई है, यानी आज आखिरी दिन है। बाकी देशों के लिए यह समयसीमा 1 अगस्त तक बढ़ा दी गई है, लेकिन भारत को इस सूची में शामिल नहीं किया गया है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत और अमेरिका के बीच डील का आधिकारिक ऐलान आज हो सकता है।

मंगलवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि दोनों देशों के बीच सीमित व्यापार डील पर सहमति बन गई है। दोनों देश मिनी ट्रेड डील पर पहुँच गए हैं, क्योंकि कई क्षेत्रों पर अभी सहमति नहीं बन पाई है। वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, भारत और अमेरिका ने सीमित व्यापार समझौते (भारत-अमेरिका मिनी ट्रेड डील) पर सफलतापूर्वक बातचीत की है। यह डील कई हफ्तों की गहन चर्चा के बाद हुई है।अधिकारी ने कहा कि भारत अपनी मांगों पर अड़ा रहा है। भारत अमेरिकी टैरिफ वहन करने को भी तैयार था, लेकिन वाशिंगटन ने बातचीत की इच्छा दिखाई और दोनों देशों के बीच डील हो गई। हालाँकि, अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

अमेरिका भारत पर कितना टैरिफ लगा सकता है?

भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है, जिसके कारण अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिका भारत पर कितना टैरिफ लगाएगा। हालाँकि, कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि अमेरिका भारत पर 10 से 20 प्रतिशत के बीच टैरिफ लगा सकता है, क्योंकि डोनाल्ड ट्रम्प ने ब्रिक्स देशों, जिनका भारत भी सदस्य है, पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी है। ऐसे में टैरिफ 10 प्रतिशत से कम नहीं हो सकता। अभी भारत पर 26 प्रतिशत का पारस्परिक टैरिफ लगाने की घोषणा की गई है।

यह समझौता भारत के लिए फायदेमंद होगा
भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 में अमेरिका को 6.84 लाख करोड़ रुपये का सामान निर्यात किया, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में उसने 6.75 लाख करोड़ रुपये का सामान निर्यात किया। जबकि, वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने अमेरिका से 4.43 लाख करोड़ रुपये का सामान आयात किया था और 2023-24 में यह आयात घटकर 3.67 लाख करोड़ रुपये रह गया। ऐसे में भारत अमेरिका को दोगुने मूल्य का सामान भेजता है और कम चीज़ें आयात करता है। ऐसे में अगर टैरिफ 10 से 20 प्रतिशत के बीच भी रहता है, तो यह भारत के लिए फायदेमंद होगा।

चीन-बांग्लादेश पर ज़्यादा टैरिफ से भी भारत को फ़ायदा

मई 2025 में हुए जिनेवा समझौते के बाद, चीन ने अमेरिका पर औसतन 32 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जबकि अमेरिका ने चीनी उत्पादों पर औसतन लगभग 51 प्रतिशत टैरिफ लगाया है और 1 अगस्त से इसे बढ़ाने की बात कर रहा है। ऐसे में भारत को फ़ायदा होगा। वहीं, अमेरिका ने बांग्लादेश पर 35 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जिससे वहाँ का कपड़ा व्यवसाय प्रभावित हो सकता है, जो भारतीय कंपनियों के लिए फ़ायदेमंद है।

इस समझौते से दोनों देशों को क्या फ़ायदा होगा?

भारत को अमेरिकी बाज़ार में ज़्यादा कपड़ा, दवाइयाँ और आभूषण निर्यात करने का मौका मिलेगा। 26% पारस्परिक शुल्क हटने से भारतीय निर्यात सस्ता होगा और व्यापार बढ़ेगा। 2030 तक भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 500 अरब डॉलर तक पहुँच सकता है।अगर अमेरिका की बात करें, तो पेकान, ब्लूबेरी और ऑटोमोबाइल जैसे उत्पादों को भारत में कम शुल्क पर बेचने का मौका मिलेगा। साथ ही, अमेरिका को एशियाई बाज़ार में अपनी स्थिति मज़बूत करने का मौका मिलेगा। इसके अलावा, भविष्य में भारत के साथ एक व्यापक समझौता भी हो सकता है।

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