SIP में मिलेगा ताबड़तोड़ रिटर्न! फटाफट जान ले ये 5 सबसे बड़े फायदे, छोटे निवेश से मिलेगा बड़ा मुनाफा
बिज़नेस न्यूज़ डेस्क -म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इसमें भी ज्यादातर निवेश सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए आ रहा है। जुलाई में SIP के जरिए रिकॉर्ड 23,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश हुआ। एक्सपर्ट्स का मानना है कि SIP के जरिए निवेश में जबरदस्त उछाल की कई वजहें हैं। इनमें सरल निवेश, छोटी रकम से शुरुआत, लंबी अवधि में कंपाउंडिंग का फायदा शामिल है। यहां हम SIP के 5 बड़े फायदों के बारे में बात करते हैं, जो हर निवेशक को पता होने चाहिए।
1. छोटी रकम से करें शुरुआत
SIP की खासियत यह है कि आप न्यूनतम 100 रुपये महीने से निवेश शुरू कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि जरूरी नहीं है कि म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपको बड़ी रकम की जरूरत हो। आज कई ऐसी स्कीम हैं, जिनमें 100 रुपये की SIP से निवेश शुरू किया जा सकता है।
2. नियमित निवेश
म्यूचुअल फंड में SIP के जरिए आपको नियमित बचत और निवेश की आदत पड़ जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि आपको एक तय तारीख पर एक तय रकम जमा करनी होती है, इसलिए आप इसके लिए पहले से तैयारी कर लेते हैं। यानी यह आपकी एक नियमित आदत बन जाती है।
3. स्वचालित जमा
SIP के ज़रिए निवेश शुरू करना इसलिए भी आसान है क्योंकि यह आपके बैंक खाते को आपके निवेश से जोड़ता है। इससे एक तय तारीख़ को आपके खाते से पहले से तय रकम अपने आप कट जाती है।
4. सरल KYC प्रक्रिया
म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले निवेशक हमेशा यह जानना चाहते हैं कि उन्हें कौन-कौन से दस्तावेज़ जमा करने होंगे। म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए नो योर कस्टमर (KYC) प्रक्रिया भी पूरी करनी होती है। इसमें पहचान प्रमाण और पते का प्रमाण ज़रूरी होता है। पैन और आधार भी ज़रूरी होगा।
5. फंड का आकलन
SIP के ज़रिए निवेश शुरू करने से पहले आप SIP कैलकुलेटर की मदद से फंड की सालाना ग्रोथ और प्रदर्शन का अनुमान लगा सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर किसी निवेशक ने 5 साल पहले किसी फंड में SIP शुरू किया था, तो आज उसकी वैल्यू क्या है? फंड की सालाना ग्रोथ कैसी रही? इससे आपको पूरे म्यूचुअल फंड में निवेश का मैट्रिक्स भी मिल जाएगा।
SIP क्या है?
SIP म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक व्यवस्थित तरीका है। इसमें निवेशक को इक्विटी की तरह सीधे बाजार जोखिम का सामना नहीं करना पड़ता। लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव से जुड़ा जोखिम रहता है। हालांकि, पारंपरिक निवेश उत्पादों की तुलना में इसमें अधिक रिटर्न मिलने की संभावना रहती है। यह जानना भी जरूरी है कि म्यूचुअल फंड में पिछला रिटर्न कभी भी भविष्य के रिटर्न की गारंटी नहीं होता। इसलिए निवेशक को अपनी आय, लक्ष्य और जोखिम प्रोफाइल को देखकर निवेश का फैसला करना चाहिए।