बैंक से लोन लेने वालों को RBI ने पहली बार दी बड़ी राहत, हर साल और लोन पर बचेंगें इतने हजार
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बिज़नस न्यूज़ डेस्क, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वह लोन लेने वाले ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए नए नियम जारी करने पर विचार कर रहे हैं. दास के मुताबिक लोन में पारदर्शिता के इन नए नियमों से छोटे लोन ग्राहकों को सबसे ज्यादा सहूलियत मिलेगी. दास ने कहा कि छोटा-मोटा लोन लेने वालों को प्रोसेसिंग शुल्क, डॉक्यूमेंटेशन सहित कई चीजों का भुगतान करना पड़ता है. गवर्नर ने कहा "ग्राहक जानता है कि लोन पर इतने फीसदी का ब्याज है. लेकिन इसमें अन्य शुल्क और बदलाव भी होते हैं, जिनका भी उसे बोझ उठाना होता है. अब इन चीजों को भी वास्तविक ब्याज दर में जोड़ने की जरूरत है, ताकि ग्राहक को साफ पता चल सके कि आखिरकार लोन की वास्तविक वार्षिक ब्याज दर क्या है, जिसका वह भुगतान कर रहा है.
लोन देने में आएगी पारदर्शिता
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि लोन में अधिक पारदर्शिता के लिए इसके मुख्य एलिमेंट्स यानी की-फैक्ट सेटेलमेंट (केएफएस) के रूप में लोन होल्डर्स के लिए इस तरह डिटेल्स को भी शामिल किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि केएफएस की जरूरत को सभी रिटेल और एमएसएमई लोन पर भी लागू किया जा रहा है, जिससे लोन देने में पारदर्शिता आएगी.उन्होंने कहा "अलग-अलग शुल्कों आदि पर ऐसी जानकारियां देने में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने क्रेयॉन श्रेणी के लोन होल्डर्स के लिए उधारकर्ता को एक की-फैक्ट सेटेलमेंट प्रदान करने को अनिवार्य किया था. इसमें सभी इंक्लूसिव वार्षिक दरें और अन्य शुल्कों की डिटेल्स भी शामिल थी. केएफएस को अब सभी रिटेल और एमएसएमई कर्ज पर भी लागू किया जा रहा है. इससे लोन में पारदर्शिता बढ़ेगी और ग्राहकों को सूचित निर्णय लेने में सक्षम बनाया जाएगा.
एक्सपर्ट ने क्या कहा
रिजर्व बैंक के इस कदम पर Bankbazaar.com के सीईओ आदिल शेट्टी का कहना है कि केएफएस को पर्सनल लोन से लेकर एमएसएमई लोन तक लागू किया जाना एक स्वागत योग्य कदम है. आरबीआई ने 2023 में केएफएस को लेकर साफतौर से गाइडेंस जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि केएफएस में उधारकर्ता के लिए एक टेम्पलेट प्रारूप में लोन के सभी जरूरी डिटेल्स शामिल होनी चाहिए.