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15 जनवरी तक फाइल कर सकते है बिलेटेड और रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न, अगर नहीं किया भुगतान तो जान ले क्या होगा अंजाम 

15 जनवरी तक फाइल कर सकते है बिलेटेड और रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न, अगर नहीं किया भुगतान तो जान ले क्या होगा अंजाम 

बिज़नेस न्यूज़ डेस्क - अगर किसी कारण से आप 31 जुलाई तक आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने से चूक गए हैं, तो आपके पास बिलेटेड आईटीआर दाखिल करने के लिए 15 जनवरी तक का मौका है। अगर आप अपने आईटीआर को संशोधित करना चाहते हैं, तो इसके लिए भी आपके पास 15 जनवरी तक का मौका है। आम तौर पर बिलेटेड रिटर्न और संशोधित रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर होती है। लेकिन, इस बार केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस समय सीमा को 15 जनवरी तक बढ़ा दिया है।

क्या होता है बिलेटेड आयकर रिटर्न?
अगर कोई करदाता 31 जुलाई तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं कर पाता है, तो आयकर विभाग उसे 31 दिसंबर तक आईटीआर दाखिल करने का मौका देता है। इसे बिलेटेड रिटर्न कहते हैं। बिलेटेड रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं को जुर्माना देना पड़ता है। सालाना 5 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर जुर्माना 5,000 रुपये है। 5 लाख रुपये से कम सालाना आय वालों के लिए जुर्माना 1,000 रुपये है। इसके अलावा करदाताओं के टैक्स पर ब्याज भी लगता है।

संशोधित आयकर रिटर्न का क्या मतलब है?
अगर किसी करदाता को लगता है कि उसके आयकर रिटर्न में गलत जानकारी चली गई है, तो वह संशोधित रिटर्न दाखिल कर सकता है। आमतौर पर इसकी डेडलाइन 31 दिसंबर होती है। इस बार इसके लिए डेडलाइन भी 15 दिन बढ़ा दी गई है। इसका मतलब है कि कोई करदाता 15 जनवरी, 2025 तक अपने आयकर रिटर्न को संशोधित कर सकता है। आयकर विभाग ने यह सुविधा ऐसे करदाताओं को ध्यान में रखते हुए दी है जो अनजाने में आईटीआर में आय से जुड़ी कोई जानकारी बताना भूल जाते हैं।

अगर बिलेटेड रिटर्न दाखिल नहीं किया तो क्या होगा?
अगर कोई करदाता 15 जनवरी, 2025 तक बिलेटेड आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करता है, तो उसे आयकर अधिनियम की धारा 139(8ए) के तहत आईटीआर-यू दाखिल करने की अनुमति है। इसके लिए उसे 5000 रुपये का जुर्माना देना होगा। इसके अलावा टैक्स राशि का 25 फीसदी या 50 फीसदी अतिरिक्त टैक्स भी देना होगा। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि करदाता आईटीआर-यू कब दाखिल करता है। वित्त वर्ष 24 के लिए आईटीआर-यू 31 मार्च 2027 तक दाखिल किया जा सकता है। दरअसल, इसे संबंधित वित्त वर्ष खत्म होने के 2 साल के भीतर दाखिल करना होता है।

31 जुलाई तक रिटर्न दाखिल करने के क्या हैं फायदे?
टैक्स विशेषज्ञों का कहना है कि सीबीडीटी ने ऐसे करदाताओं को डेडलाइन के बाद भी आयकर रिटर्न दाखिल करने की अनुमति दी है, जो किसी कारणवश आखिरी तारीख तक आईटीआर दाखिल करने से चूक जाते हैं। लेकिन, विलम्बित या आईटीआर-यू दाखिल करने पर करदाताओं को कई सुविधाएं नहीं मिलती हैं। इसलिए, करदाताओं को तय तारीख यानी 31 जुलाई तक आयकर रिटर्न दाखिल करने का प्रयास करना चाहिए।

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