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क्या आप जानते है क्या है 8-4-3 फॉर्मूला ? जो आपको कुछ ही दिनों में बना सकता है करोड़पति, यहां समझिये इसका पूरा गणित 

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बिज़नेस न्यूज़ डेस्क - अमीर बनना हर किसी का सपना होता है। लेकिन, कई लोगों को लगता है कि सिर्फ बिजनेस करके ही अमीर बना जा सकता है। लेकिन, हम आपको ऐसा फॉर्मूला बता रहे हैं, जिससे कोई भी नौकरीपेशा व्यक्ति आसानी से करोड़पति बन सकता है। इसके लिए आपको ज्यादा परेशान होने की भी जरूरत नहीं होगी।

12 फीसदी रिटर्न वाली स्कीम खोजें
अगर आप 8-4-3 फॉर्मूले से करोड़पति बनना चाहते हैं तो आपको ऐसी स्कीम ढूंढनी होगी, जिसमें आपको कम से कम 12 फीसदी का रिटर्न मिले। इसमें कोई खास मुश्किल नहीं होगी। देश के टॉप 10 लार्ज-कैप फंड ने पिछले 10 सालों में औसतन 16-18 फीसदी सालाना रिटर्न दिया है। ऐसे में आप सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए किसी अच्छे म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं, जो आपको भरोसेमंद लगे।

8-4-3 नियम का पालन करें
8-4-3 का नियम बेहद आसान है। इसके मुताबिक आपको ऐसी स्कीम में निवेश करना चाहिए, जो आपको 12 फीसदी की दर से सालाना चक्रवृद्धि ब्याज दे। इस स्कीम में हर महीने 21,250 रुपये जमा करने पर 8 साल में 33.37 लाख रुपये हो जाएंगे. करोड़पति बनने की दिशा में यह पहला कदम होगा. आगे की राह होगी आसान शुरुआती 33.37 लाख रुपये जमा करने में आपको आठ साल लगेंगे, लेकिन बाकी पैसे आप बेहद कम समय में जुटा पाएंगे. अगले 33 लाख जमा करने में आपको सिर्फ 4 साल लगेंगे, यानी पहले 33 लाख के मुकाबले आधा समय. वहीं, आखिरी 33.33 लाख रुपये सिर्फ तीन साल में जुटाए जा सकते हैं. इसका मतलब है कि आप सिर्फ 15 साल (8+4+3) में करोड़पति बन जाएंगे.

अगले 6 साल में 2.22 करोड़ रुपये अगर आप 15 साल बाद भी हर महीने 21,250 रुपये जमा करते रहेंगे तो 21 साल बाद आपके पास कुल 2.22 करोड़ रुपये होंगे. इसका मतलब है कि 1 करोड़ रुपये से 2 करोड़ 22 लाख रुपये तक पहुंचने में सिर्फ 6 साल लगेंगे. 22वें साल में आपके खाते में सिर्फ़ 12 महीने में 33 लाख रुपये आ जाएंगे।

ये है 'आठवें आश्चर्य' का जादू
ये सब सालाना चक्रवृद्धि ब्याज का जादू है, जिसे अल्बर्ट आइंस्टीन ने कभी दुनिया का आठवां आश्चर्य बताया था। निवेश पर ब्याज दो तरह से मिलता है, साधारण ब्याज या चक्रवृद्धि ब्याज। साधारण रिटर्न में ब्याज सिर्फ़ आपकी मूल राशि पर मिलता है। उदाहरण के लिए, आप जितनी भी राशि जमा करेंगे, आपको उसी पर ब्याज मिलेगा।

लेकिन, चक्रवृद्धि ब्याज में आपको मूल राशि पर मिलने वाला ब्याज भी मूल राशि में जुड़ जाता है और फिर उस पर भी ब्याज मिलता है। उदाहरण के लिए, अगर आपने 1 लाख रुपये जमा किए और आपको उस पर 5 हज़ार ब्याज मिला, तो अगले चक्र में आपको 1 लाख 5 हज़ार रुपये पर ब्याज मिलेगा। आसान शब्दों में कहें तो चक्रवृद्धि ब्याज में ब्याज के साथ-साथ आपकी मूल राशि भी बढ़ती है। जबकि, साधारण ब्याज में आपकी मूल राशि वही रहती है।

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