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सावधान! Loan की EMI भरते समय कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये गलती, तो समय से क़िस्त चुकाने पर भी नहीं बढ़ेगा सिबिल स्कोर 

सावधान! Loan की EMI भरते समय कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये गलती, तो समय से क़िस्त चुकाने पर भी नहीं बढ़ेगा सिबिल स्कोर 

बिज़नेस न्यूज़ डेस्क - कहा जाता है कि अगर आप अपना सिबिल स्कोर बेहतर रखना चाहते हैं तो लोन की EMI समय पर चुकाएं। लेकिन कई बार EMI समय पर चुकाने के बावजूद क्रेडिट स्कोर कम होने लगता है और लोग समझ नहीं पाते कि इसका कारण क्या है। दरअसल, लोन चुकाने के अलावा भी कई फैक्टर आपके क्रेडिट स्कोर के लिए जिम्मेदार होते हैं। अगर आप वहां कोई गलती करते हैं तो भी आपका स्कोर खराब हो सकता है। इनके बारे में जानें।

क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो
अगर क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो गलत है तो इसका असर आपके सिबिल स्कोर पर पड़ सकता है। क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो (CUR) का मतलब है कि आपने एक महीने में क्रेडिट कार्ड लिमिट का कितना इस्तेमाल किया है। इसे मेंटेन करना जरूरी है। CUR 30% से ज्यादा नहीं होना चाहिए। अगर आप हर महीने क्रेडिट कार्ड लिमिट से ज्यादा खर्च करते हैं तो इससे बैंक को यह संदेश जाता है कि क्रेडिट कार्ड पर आपकी निर्भरता बहुत ज्यादा है। बैंक आपको क्रेडिट का भूखा समझता है और इसका असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है।

बार-बार पर्सनल लोन लेना
अगर आप बार-बार पर्सनल लोन लेते हैं तो भी आपके क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर पड़ता है। दरअसल, आपने पहले कितने असुरक्षित लोन और कितने सुरक्षित लोन लिए हैं, इससे आपका क्रेडिट मिक्स तय होता है। पर्सनल लोन असुरक्षित लोन की श्रेणी में आता है। अगर आप बार-बार पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड के रूप में असुरक्षित लोन लेते हैं, लेकिन आपने बहुत ज़्यादा सुरक्षित लोन नहीं लिया है, तो आपका क्रेडिट मिक्स गड़बड़ा जाता है। इससे बैंक को यह संदेश जाता है कि आपके पास फंड की कमी है और आपकी निर्भरता क्रेडिट पर बहुत ज़्यादा है। ऐसे में आपका CIBIL प्रभावित होता है। हालांकि, अगर आप ज़रूरत पड़ने पर सुरक्षित और असुरक्षित दोनों तरह के लोन लेते रहे हैं और उन सभी का समय पर भुगतान भी किया है, तो आपका क्रेडिट मिक्स संतुलित रहता है।

अगर आप लोन गारंटर बन गए हैं…
अगर आप किसी के लोन गारंटर बन गए हैं, तो उस लोन को समय पर चुकाना भी आपकी ज़िम्मेदारी है। अगर किसी वजह से लोन लेने वाला लोन चुकाने में असमर्थ होता है, तो लोन की राशि गारंटर की क्रेडिट रिपोर्ट में देनदारी के तौर पर दिखाई जाती है। इससे लोन गारंटर के CIBIL स्कोर पर भी असर पड़ता है।

बार-बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करना
जब आप बैंक में लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक या अन्य लोन संस्थान क्रेडिट ब्यूरो से आपकी क्रेडिट रिपोर्ट लेता है। इसे हार्ड इंक्वायरी कहते हैं। अगर आप कम समय में कई बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तो आपके लिए की जाने वाली हार्ड-इनक्वायरी की संख्या बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में आपका CIBIL स्कोर कम हो सकता है।

क्रेडिट एज
CIBIL के मामले में क्रेडिट एज भी मायने रखती है। इसकी गणना आपके पहले क्रेडिट (क्रेडिट कार्ड या लोन) की तारीख से की जाती है। आपकी क्रेडिट एज जितनी ज़्यादा होगी, आपके स्कोर के लिए यह उतना ही बेहतर होगा। 3 साल या उससे ज़्यादा के क्रेडिट अकाउंट वाले व्यक्ति को बाज़ार में तुलनात्मक रूप से ज़्यादा पसंद किया जाएगा।

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