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भारत से टकराव और गिर गई पाकिस्तान की GDP, भारत की ग्रोथ देख हैरत में है वॉशिंगटन और शंघाई

भारत की अर्थव्यवस्था लगातार विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी में से एक बनी हुई है, जो न केवल देश के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक आश्चर्य और प्रेरणा का स्रोत है। हाल ही में आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक द्वारा जारी किए गए अनुमान के बावजूद भारत...
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भारत की अर्थव्यवस्था लगातार विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी में से एक बनी हुई है, जो न केवल देश के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक आश्चर्य और प्रेरणा का स्रोत है। हाल ही में आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक द्वारा जारी किए गए अनुमान के बावजूद भारत ने वित्त वर्ष 2024-25 में 6.5 फीसदी की ग्रोथ दर दर्ज कर के सभी पूर्वानुमानों को झुठला दिया है। यह ग्रोथ दर चीन समेत कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को हैरान कर रही है।

आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक के अनुमान हुए फेल

करीब एक महीने पहले, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत की ग्रोथ रेट के बारे में भविष्यवाणी की थी कि 2025 में यह करीब 6.2 फीसदी तक ही सीमित रहेगी। उनके अनुसार यह ग्रोथ खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में निजी खपत से समर्थित थी, लेकिन वैश्विक अनिश्चितताओं और व्यापार तनाव के कारण इसकी गति में सीमित बढ़ोतरी देखी जा सकती थी। वहीं वर्ल्ड बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की ग्रोथ दर 6.3 फीसदी की घोषणा की थी, जो उनके पिछले अनुमान 6.7 फीसदी से थोड़ा कम था। वर्ल्ड बैंक ने इसे वैश्विक आर्थिक मंदी और घरेलू नीति अनिश्चितताओं से जोड़कर देखा था। लेकिन भारत सरकार के हालिया आंकड़ों ने इन सभी अनुमानों को चुनौती दी है। भारत ने वित्त वर्ष 2024-25 में 6.5 फीसदी की स्थिर और बेहतर ग्रोथ दर्ज की है, जो न केवल आईएमएफ के अनुमान से अधिक है बल्कि वर्ल्ड बैंक के संशोधित अनुमान के भी करीब है।

आरबीआई के पूर्वानुमान सच हुए

भारतीय रिजर्व बैंक ने भी पहले अपने अनुमान में भारत की ग्रोथ को 6.5 फीसदी बताया था, जो अब सटीक साबित हुआ है। आरबीआई ने बताया था कि मौद्रिक नीति के सहयोग से निवेश और उत्पादन में सुधार होगा, जिससे आर्थिक वृद्धि को मजबूती मिलेगी। हालांकि आरबीआई ने पहले थोड़ा अधिक उम्मीद जताई थी, लेकिन वैश्विक और घरेलू चुनौतियों को देखते हुए 6.5 फीसदी का अनुमान रखा गया था, जो अब हकीकत में सामने आ गया है।

सरकार के आंकड़े और आर्थिक परिदृश्य

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की अंतिम तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.4 फीसदी रही, जबकि पूरे वर्ष की वृद्धि दर 6.5 फीसदी पर कायम रही। यह वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष की तुलना में थोड़ी कम जरूर है, लेकिन मौजूदा वैश्विक आर्थिक स्थिति और महामारी के बाद के प्रभावों को ध्यान में रखते हुए यह एक मजबूत प्रदर्शन माना जा रहा है। भारत की अर्थव्यवस्था का आकार भी बढ़कर लगभग 3.9 लाख करोड़ डॉलर (330.68 लाख करोड़ रुपये) पहुंच गया है, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 3.6 लाख करोड़ डॉलर था। यह बढ़ोतरी भारतीय आर्थिक विकास की स्थिरता और ताकत का संकेत है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रतिक्रिया

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ग्रोथ के आंकड़े जारी होने के बाद कहा कि भारत लगातार चौथे साल सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है। उन्होंने छोटे, मध्यम और बड़े उद्योगों, सेवा क्षेत्र और कृषि क्षेत्र को इस सफलता की वजह बताया। उन्होंने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने मार्च तिमाही में अच्छा प्रदर्शन किया, जिसने पूरे वित्त वर्ष की ग्रोथ दर बनाए रखने में मदद की।

भविष्य के लिए ग्रोथ के अनुमान

आरबीआई के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की ग्रोथ दर लगभग 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है, जिसमें पहली तिमाही 6.5%, दूसरी तिमाही 6.7%, तीसरी 6.6% और चौथी तिमाही 6.3% रहने की संभावना है। कृषि क्षेत्र की मजबूत स्थिति, मैन्युफैक्चरिंग में सुधार और सेवा क्षेत्र की स्थिरता इसके मुख्य कारण होंगे।

चीन की चिंता बढ़ी

भारत की इस शानदार ग्रोथ पर चीन की भी नजरें टिक गई हैं। चीन की अर्थव्यवस्था मार्च तिमाही में केवल 5.4 फीसदी बढ़ी, जो भारत की 7.4 फीसदी ग्रोथ दर से काफी कम है। इस अंतर ने चीन के लिए चिंता का विषय पैदा कर दिया है क्योंकि विदेशी निवेशक भारत की ओर अधिक आकर्षित हो सकते हैं। भारत की बेहतर ग्रोथ दर और स्थिर आर्थिक विकास ने उसे वैश्विक निवेश के लिए एक बेहतर गंतव्य बना दिया है।

निष्कर्ष

भारत की अर्थव्यवस्था ने न केवल आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक जैसे वैश्विक संस्थानों के अनुमानों को गलत साबित किया है, बल्कि उसने चीन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था को भी कड़ी टक्कर दी है। यह ग्रोथ देश की मजबूत आर्थिक नींव, बेहतर नीतियों और विविध आर्थिक क्षेत्रों के योगदान का नतीजा है। भविष्य में भारत की यह ग्रोथ दर कैसे बनी रहती है, यह वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण रहेगा, लेकिन फिलहाल भारत की आर्थिक सफलता एक बड़ी उपलब्धि है जो पूरे विश्व के लिए प्रेरणादायक है।

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