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MCX लॉन्च करेगा इलेक्ट्रिसिटी डेरिवेटिव्स; सेबी से मिली मंजूरी! देश के ऊर्जा सेक्टर को मिलेगा बढ़ावा

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (MCX) को शुक्रवार को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से एक बड़ी मंजूरी मिली है। SEBI ने MCX को इलेक्ट्रिसिटी डेरिवेटिव्स लॉन्च करने की अनुमति दे दी है, जो भारत के कमोडिटी बाजार के....
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मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (MCX) को शुक्रवार को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से एक बड़ी मंजूरी मिली है। SEBI ने MCX को इलेक्ट्रिसिटी डेरिवेटिव्स लॉन्च करने की अनुमति दे दी है, जो भारत के कमोडिटी बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय माना जा रहा है। इस फैसले के साथ MCX भारत का ऐसा पहला प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंज बन गया है जिसे बिजली जैसे आवश्यक और रणनीतिक क्षेत्र में डेरिवेटिव्स पेश करने का अवसर मिला है।

क्या होते हैं इलेक्ट्रिसिटी डेरिवेटिव्स?

इलेक्ट्रिसिटी डेरिवेटिव्स ऐसे वित्तीय उपकरण होते हैं जो बिजली की कीमतों में उतार-चढ़ाव से जुड़े जोखिम को कम करने में मदद करते हैं। इनका उपयोग इलेक्ट्रिक उत्पाद निर्माताओं, वितरण कंपनियों और बड़े उपभोक्ताओं द्वारा कीमतों की सुरक्षा के लिए किया जाता है। MCX ने क्या कहा? MCX ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि: “इलेक्ट्रिसिटी डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट्स की शुरुआत से बिजली क्षेत्र के विभिन्न स्टेकहोल्डर्स को कीमतों के जोखिम को प्रभावी ढंग से मैनेज करने और हेजिंग के लिए विश्वसनीय मंच मिलेगा।”

CEO प्रवीण राय का बयान

MCX के CEO प्रवीण राय ने इसे भारत के कमोडिटी बाजार के लिए एक मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा: "इलेक्ट्रिसिटी डेरिवेटिव्स की शुरुआत भारत के ऊर्जा क्षेत्र और ओपन एक्सेस मार्केट्स को फिजिकल और फाइनेंशियल रूप से जोड़ने का कार्य करेगी। यह पारदर्शिता, सुरक्षा और तरलता बढ़ाने के साथ-साथ भारत के रिन्यूएबल एनर्जी बाजार को भी मजबूती प्रदान करेगी।"

भारत को कैसे होगा लाभ?

  • बिजली मूल्य में स्थिरता: बिजली की कीमतों में अनिश्चितता को कम किया जा सकेगा।

  • ऊर्जा कंपनियों को हेजिंग टूल: डिस्कॉम्स (Distribution Companies) और IPPs (Independent Power Producers) को कीमत का हेजिंग विकल्प मिलेगा।

  • कमोडिटी इकोसिस्टम में विविधता: ऊर्जा सेक्टर का गहरा इंटीग्रेशन कमोडिटी मार्केट को अधिक सक्षम बनाएगा।

MCX की चौथी तिमाही की वित्तीय स्थिति

MCX ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी का नेट प्रॉफिट 54% बढ़कर ₹135.46 करोड़ पर पहुंच गया। यह प्रदर्शन बाजार विश्लेषकों के अनुमान से बेहतर रहा, जिससे निवेशकों का भरोसा भी बढ़ा है।

शेयर बाजार में जोरदार प्रदर्शन

  • MCX के शेयर NSE पर 4.49% उछलकर ₹7,418 पर बंद हुए, जबकि निफ्टी में 1.1% की गिरावट दर्ज की गई।

  • बीते 12 महीनों में कंपनी के शेयरों में 112.86% की बढ़त देखी गई है।

  • हालांकि, साल-दर-साल आधार पर शेयर में 18.99% की गिरावट भी दर्ज हुई है, जो बाजार की अस्थिरता को दर्शाता है।

एनालिस्ट्स का रुख क्या है?

ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, MCX को ट्रैक करने वाले 11 विश्लेषकों में से:

  • 7 ने 'Buy' रेटिंग दी है,

  • 3 ने 'Hold' की सिफारिश की है,

  • जबकि केवल 1 ने 'Sell' का सुझाव दिया है।

यह संकेत करता है कि बाजार में MCX को लेकर सकारात्मक निवेश भावना बनी हुई है।

निष्कर्ष: क्या कहता है यह विकास?

SEBI द्वारा MCX को इलेक्ट्रिसिटी डेरिवेटिव्स की मंजूरी देना भारत के ऊर्जा बाजारों में एक बड़ी संरचनात्मक प्रगति है। यह कदम न केवल ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियों को हेजिंग की सुविधा देगा, बल्कि कमोडिटी मार्केट को एक नए स्तर पर पहुंचाने में भी सहायक होगा। इसकी शुरुआत से आने वाले वर्षों में भारत के कमोडिटी एक्सचेंज क्षेत्र में नई संभावनाएं और उत्पाद सामने आएंगे जो भारत की ऊर्जा सुरक्षा और बाजार स्थिरता के लिए बेहद अहम साबित होंगे।

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