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भारत, ब्रिटेन के बीच 'ऐतिहासिक' मुक्त व्यापार समझौता पूरा, 99% निर्यात पर शुल्क हटेगा

लगभग तीन वर्षों की लम्बी बातचीत के बाद भारत और ब्रिटेन ने ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किये। विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत और छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ब्रिटेन के बीच व्यापार समझौते के पूरा होने की घोषणा मंगलवार....
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लगभग तीन वर्षों की लम्बी बातचीत के बाद भारत और ब्रिटेन ने ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किये। विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत और छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ब्रिटेन के बीच व्यापार समझौते के पूरा होने की घोषणा मंगलवार को की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से फोन पर बात करने के बाद इन समझौतों के संपन्न होने की घोषणा की। इसे 'ऐतिहासिक मील का पत्थर' बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत-ब्रिटेन ने दोहरे योगदान समझौते के साथ एक महत्वाकांक्षी और पारस्परिक रूप से लाभकारी मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) सफलतापूर्वक संपन्न किया है। उन्होंने कहा कि ये ऐतिहासिक समझौते हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और प्रगाढ़ बनाएंगे। इसके अलावा, इससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं में व्यापार, निवेश, विकास, रोजगार सृजन और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।

समझौते का क्या होगा?

एक 'ऐतिहासिक' व्यापार समझौते के तहत चमड़ा, जूते और कपड़े जैसे श्रम-प्रधान उत्पादों के निर्यात पर शुल्क हटा दिया जाएगा, जबकि ब्रिटेन से व्हिस्की और कारों का आयात सस्ता हो जाएगा। इस समझौते से 2030 तक दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार दोगुना होकर 120 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।

जब एफटीए लागू हो जाएगा, तो ब्रिटेन के बाजार में 99 प्रतिशत भारतीय उत्पाद शुल्क मुक्त हो जाएंगे, जबकि भारतीय श्रमिकों को ब्रिटेन की आव्रजन प्रणाली में बदलाव किए बिना ब्रिटेन की यात्रा करने की अनुमति होगी। इसके अलावा भारतीय वस्त्र, फ्रोजन झींगा, आभूषण और रत्नों के निर्यात पर करों में कटौती की जाएगी।

ब्रिटेन से आयातित व्हिस्की पर शुल्क में कमी

इसी प्रकार, ब्रिटेन से व्हिस्की और जिन जैसी शराब की किस्मों के आयात शुल्क में भी कमी की जाएगी। दोनों पक्षों के लिए कोटा के तहत वाहन आयात पर शुल्क 10 प्रतिशत होगा, जिसका लाभ टाटा-जेएलआर जैसी ऑटो कंपनियों को मिलेगा। ब्रिटेन में शून्य शुल्क पर आने वाले भारतीय उत्पादों में खनिज, रसायन, रत्न एवं आभूषण, प्लास्टिक, रबर, लकड़ी, कागज, वस्त्र, कांच, चीनी मिट्टी की वस्तुएं, यांत्रिक एवं विद्युत मशीनरी, हथियार/गोला-बारूद, परिवहन/वाहन, फर्नीचर, खेल के सामान, पशु उत्पाद और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ शामिल हैं।

एफटीए के तहत दो देश अधिकतम उत्पादों के व्यापार पर सीमा शुल्क को या तो समाप्त कर देते हैं या उसमें उल्लेखनीय कमी कर देते हैं। इसके अलावा, सेवाओं में व्यापार और द्विपक्षीय निवेश को बढ़ावा देने के मानदंडों को भी आसान बनाया गया है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत और यूके के बीच द्विपक्षीय व्यापार 21.34 बिलियन डॉलर का था। वित्त वर्ष 2024-25 के पहले 10 महीनों में वस्तुओं का व्यापार 21.33 अरब डॉलर का हुआ।

सेब-पनीर में कोई रियायत नहीं

मुक्त व्यापार समझौते के तहत भारत डेयरी उत्पादों, सेब और पनीर जैसी संवेदनशील कृषि वस्तुओं पर आयात शुल्क में ब्रिटेन को कोई रियायत नहीं देगा। लगभग 10 प्रतिशत टैरिफ लाइनें संवेदनशील वस्तुओं की सूची में हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया है कि डेयरी उत्पाद, सेब, पनीर आदि कृषि उत्पादों को किसी भी शुल्क रियायत से बाहर रखा गया है। इससे भारत को अपने किसानों के हितों की रक्षा करने में मदद मिलेगी।

भारत ने पिछले वर्ष मार्च में हस्ताक्षरित EFTA (यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ) व्यापार समझौते के तहत स्विट्जरलैंड और नॉर्वे को डेयरी क्षेत्र में कोई शुल्क रियायत नहीं दी है। भारत के विशाल बाजार को देखते हुए ब्रिटेन को इन उत्पादों पर कुछ शुल्क रियायत की उम्मीद थी। देश में दूध और दूध उत्पादों पर करीब 30 प्रतिशत आयात शुल्क है।

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