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ब्राजील से हाथ मिलाकर ट्रंप टैरिफ के खिलाफ बड़ा खेल करने की तैयारी में भारत, अमेरिका को ऐसे देगा जवाब

अमेरिका की ओर से सबसे ज़्यादा टैरिफ़ का सामना कर रहे दो देश भारत और ब्राज़ील अब एक साथ आने की तैयारी में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकारी सूत्रों ने संकेत दिया है कि भारत अगले हफ़्ते मर्कोसुर व्यापार समूह के साथ एक वर्चुअल बैठक कर....
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अमेरिका की ओर से सबसे ज़्यादा टैरिफ़ का सामना कर रहे दो देश भारत और ब्राज़ील अब एक साथ आने की तैयारी में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकारी सूत्रों ने संकेत दिया है कि भारत अगले हफ़्ते मर्कोसुर व्यापार समूह के साथ एक वर्चुअल बैठक कर सकता है। इस बैठक में मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर चर्चा होगी। भारत का 2004 से ही मर्कोसुर के साथ एक तरजीही व्यापार समझौता (PTA) है। मर्कोसुर ब्राज़ील के नेतृत्व वाला दक्षिण अमेरिकी देशों का एक क्षेत्रीय व्यापार संगठन है, जिसके अन्य सदस्य अर्जेंटीना, उरुग्वे और पैराग्वे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, विकसित देशों में आर्थिक मंदी और अमेरिका द्वारा हाल ही में लगाए गए टैरिफ़ के प्रभाव को कम करने के लिए भारत कई नए निर्यात बाज़ारों की तलाश कर रहा है। इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राज़ील, अर्जेंटीना और पैराग्वे के राष्ट्रपतियों से मुलाकात की थी। इसके अलावा, ब्राज़ील के उपराष्ट्रपति का भी अगले महीने भारत आने का कार्यक्रम है। बता दें कि अमेरिका ने भारत और ब्राज़ील पर सबसे ज़्यादा 50 प्रतिशत टैरिफ़ लगाया है।

ये देश नए व्यापारिक साझेदारों की तलाश में हैं

सूत्रों के अनुसार, लैटिन अमेरिकी देश नए व्यापारिक साझेदारों की तलाश में हैं और भारत को एक बड़ा बाज़ार मानते हैं। भारत भी इन देशों के लिए बाज़ार खोलना अपेक्षाकृत सुरक्षित मानता है, क्योंकि इनके उत्पादों की रेंज और मात्रा सीमित है, जिससे भारत के घरेलू उद्योगों को नुकसान होने की संभावना कम है। व्यापार बढ़ाने के लिए सभी विकल्प खुले हैं, चाहे मौजूदा PTA को 450 उत्पाद लाइनों से बढ़ाकर 4,000 करना हो या कुशल पेशेवरों की आवाजाही और तीसरे देशों से डंपिंग या ट्रांस-शिपमेंट को रोकने के लिए मूल नियमों जैसी शर्तों के साथ एक व्यापक FTA हो।

2.94 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था

दक्षिण अमेरिका की कुल अर्थव्यवस्था में मर्कोसुर देशों की हिस्सेदारी 67% से अधिक है। दक्षिण अमेरिकी देशों की कुल अर्थव्यवस्था 4.38 ट्रिलियन डॉलर है, जिसमें मर्कोसुर के सदस्य देशों की अर्थव्यवस्था 2.94 ट्रिलियन डॉलर है। सूत्रों ने यह भी बताया कि PTA को FTA में बदलने के लिए मर्कोसुर ब्लॉक के भीतर चर्चा चल रही है। एक व्यापक FTA भारतीय निर्यातकों को मर्कोसुर देशों के बड़े बाज़ारों तक पहुँच प्रदान करेगा। इससे भारत को कैरिबियन और प्रशांत क्षेत्रों में नए बाजारों तक पहुंच भी मिलेगी, जहां मर्कोसुर देशों को अक्सर ट्रांस-शिपमेंट हब के रूप में उपयोग किया जाता है।

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