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अगर हाउस रेंट अलाउंस करते हैं क्लेम तो कभी न करें यह गलतियाँ,बड़ सकती है परेशानी 

अगर हाउस रेंट अलाउंस करते हैं क्लेम तो कभी न करें यह गलतियाँ,बड़ सकती है परेशानी 

बिज़नस न्यूज़ डेस्क, वित्त वर्ष 2024-25 चल रहा है और इनकम टैक्स रिटर्न भरने की शुरुआत भी हो चुकी है. आयकर विभाग ने आईटीआर फॉर्म निकाल दिए हैं. इसके अलावा एंप्लॉयर्स अपने एंप्लाइज को इंवेस्टमेंट डिक्लेयरेशन देने के लिए सूचना भेज चुके हैं और कई संस्थानों में ये प्रक्रिया चल रही है. न्यू टैक्स रिजीम और ओल्ड टैक्स रिजीम के सेलेक्शन को लेकर भी लोगों के बीच चर्चा चल रही है और किस टैक्स रिजीम में आयकर रिटर्न करना चाहिए इसको लेकर भी करदाताओं के मन में कई सवाल हैं.

एचआरए क्लेम करने में होने वाली गलतियां पड़ सकती हैं भारी
ओल्ड टैक्स रिजीम में आयकर रिटर्न फाइल करने वाले लोगों को इंवेस्टमेंट प्रूफ देने की जरूरत होती है और इसके लिए एक बड़ा कंपोनेंट होता है एचआरए यानी हाउस रेंट अलाउंस का. एचआरए क्लेम करने के जरिए सैलरीड क्लास का बड़ा वर्ग अपना टैक्स बचाने की कोशिश करता है जिसके लिए आमतौर पर रेंट स्लिप देकर वो एचआरए क्लेम करते हैं. 

केवल रेंट रिसीट या किराए की रसीदों पर निर्भर ना रहें
अक्सर एंप्लाइज अपने दफ्तर में एचआरए क्लेम करने के लिए किरायों की रसीदें लगाते हैं. ये हर हाल में टैक्स डिडक्शन से छूट की गारंटी नहीं होती और आपको इनके अलावा भी कुछ पक्के डॉक्यूमेंट अपने पक्ष में लगाने चाहिए जैसे कि बैंक के अकाउंट की डिटेल्स आदि.

रेंट एग्रीमेंट का ना होना खड़ी कर सकता है परेशानी
कई बार एचआरए क्लेम करने के लिए एंप्लाई अपने माता-पिता, भाई या किसी और रिश्तेदार आदि का जिक्र करके कह देते हैं कि किराए का रेंट एग्रीमेंट नहीं बनवाया. अगर कभी मामले की जांच होती है 

कैश में पेमेंट करना दे सकता है सिर दर्द
अगर आपने मकान मालिक को कैश में पेमेंट दिया है और इसका आपके पास सबूत नहीं है (रसीद भी नहीं) तो आपका एचआरए क्लेम खारिज हो सकता है. आपको हमेशा कैश पेमेंट के बजाए मकान मालिक के बैंक अकाउंट में किराए का ट्रांजेक्शन करना चाहिए और इस का जिक्र करने वाले बैंक स्टेटमेंट आपके पास होना चाहिए.

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