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आरबीआई ने गोल्ड लोन-टू-वैल्यू रेश्यो को बढ़ाकर 85 प्रतिशत किया

मुंबई, 6 जून (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय बैंक ने 2.5 लाख रुपए तक का गोल्ड लोन लेने वालों के लिए लोन-टू-वैल्यू (एलटीवी) रेश्यो को बढ़ाकर 85 प्रतिशत कर दिया है, जो कि मौजूदा समय में 75 प्रतिशत है।
आरबीआई ने गोल्ड लोन-टू-वैल्यू रेश्यो को बढ़ाकर 85 प्रतिशत किया

मुंबई, 6 जून (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय बैंक ने 2.5 लाख रुपए तक का गोल्ड लोन लेने वालों के लिए लोन-टू-वैल्यू (एलटीवी) रेश्यो को बढ़ाकर 85 प्रतिशत कर दिया है, जो कि मौजूदा समय में 75 प्रतिशत है।

मौद्रिक नीति बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए उन्होंने कहा कि गोल्ड पर अंतिम विनियमन आज या सोमवार तक घोषित किए जाएंगे।

गोल्ड लोन के लिए एलटीवी रेश्यो में वृद्धि का मतलब है कि अगर गिरवी रखा गया सोना एक लाख रुपए का है, तो लोन लेने वाला व्यक्ति समान सोने पर 75,000 रुपए की जगह अब 85,000 रुपए तक का लोन ले सकता है।

इस कदम से घरों और छोटे व्यवसायों के लिए धन तक पहुंच आसान होने की उम्मीद है।

मल्होत्रा ​​ने यह भी कहा कि उधारकर्ताओं के लिए चीजों को आसान बनाने के लिए छोटे-टिकट लोन पर क्रेडिट मूल्यांकन आवश्यकताओं को हटा दिया जाएगा।

नियमों में ढील पिछले सप्ताह वित्त मंत्रालय के उस सुझाव के बाद दी गई है जिसमें कहा गया था कि रिजर्व बैंक को 2 लाख रुपए तक के छोटे कर्जदारों को सोना गिरवी रखकर कर्ज देने के अपने मसौदा निर्देशों के प्रावधानों से बाहर रखना चाहिए। वित्त मंत्रालय ने यह भी सुझाव दिया है कि दिशा-निर्देशों के क्रियान्वयन को अगले साल तक के लिए टाल दिया जाए।

वित्त मंत्रालय ने कहा था, "गोल्ड गिरवी रखने के बदले लोन देने के लिए आरबीआई द्वारा जारी किए गए मसौदा निर्देशों की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मार्गदर्शन में वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) द्वारा जांच की गई है। डीएफएस ने आरबीआई को सुझाव दिए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छोटे गोल्ड लोन उधारकर्ताओं की आवश्यकताओं पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।"

30 मई को जारी बयान में कहा गया, "आरबीआई मसौदा दिशा-निर्देशों पर प्राप्त फीडबैक की समीक्षा कर रहा है। उम्मीद है कि विभिन्न पक्षकारों द्वारा उठाई गई चिंताओं के साथ-साथ जनता से प्राप्त फीडबैक पर आरबीआई द्वारा निर्देशों को अंतिम रूप देने से पहले उचित रूप से विचार किया जाएगा।"

--आईएएनएस

एबीएस/

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