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नागरिक केंद्रित गवर्नेंस डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन नियमों के ड्राफ्ट की प्राथमिकता : पीएमओ

नई दिल्ली, 7 जनवरी (आईएएनएस)। डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (डीपीडीपी) नियम, 2025 के ड्राफ्ट में नागरिक केंद्रित गवर्नेंस को प्राथमिकता दी गई है। इसका उद्देश्य पर्सनल डेटा को सुरक्षित रखते हुए विकास सुनिश्चित करना है। यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यकाल (पीएमओ) द्वारा मंगलवार को दी गई।
नागरिक केंद्रित गवर्नेंस डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन नियमों के ड्राफ्ट की प्राथमिकता : पीएमओ

नई दिल्ली, 7 जनवरी (आईएएनएस)। डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (डीपीडीपी) नियम, 2025 के ड्राफ्ट में नागरिक केंद्रित गवर्नेंस को प्राथमिकता दी गई है। इसका उद्देश्य पर्सनल डेटा को सुरक्षित रखते हुए विकास सुनिश्चित करना है। यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यकाल (पीएमओ) द्वारा मंगलवार को दी गई।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी गई जानकारी में पीएमओ ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के ड्राफ्ट नियमों पर स्पष्टीकरण का उल्लेख किया, जो लोगों के पर्सनल डेटा की रक्षा करने और नागरिकों को सशक्त बनाने का प्रयास करते हैं।

वैष्णव ने कहा कि डीपीडीपी नियमों का ड्राफ्ट ग्लोबल डेटा गवर्नेंस नियमों को बनाने में भारत की लीडरशीप को दिखाता है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कुछ अंतरराष्ट्रीय मॉडलों के विपरीत, जिनका अधिक झुकाव रेगुलेशन की ओर है, हमारा दृष्टिकोण व्यावहारिक और विकासोन्मुखी है। यह संतुलन सुनिश्चित करता है कि नागरिकों की सुरक्षा की जाए और हमारे स्टार्टअप और व्यवसायों को आगे बढ़ाने वाली भावना को दबाया न जाए। इससे छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप को कम अनुपालन का सामना करना पड़ेगा।

"जब हम वैश्विक भविष्य के बारे में बात करते हैं, तो मानव-केंद्रित दृष्टिकोण सबसे महत्वपूर्ण होना चाहिए।"

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के भविष्य पर शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ये शब्द लोगों को पहले रखने के भारत के दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।

इस विजन ने ड्राफ्ट डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (डीपीडीपी) नियमों को आकार देने में हमारे प्रयासों का मार्गदर्शन किया है।

मंत्री ने आगे कहा, "नियमों को अंतिम रूप दिए जाने के बाद, डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट, 2023 को लागू किया जाएगा, जो नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा संरक्षण के अधिकार की रक्षा के लिए हमारी प्रतिबद्धता को साकार करेगा।"

उन्होंने कहा कि इन नियमों को सरलता और स्पष्टता के साथ तैयार किया गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर भारतीय, चाहे उनके पास तकनीकी ज्ञान कुछ भी हो, अपने अधिकारों को समझ सके और उनका प्रयोग कर सके।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पिछले सप्ताह डीपीडीपी एक्ट के लिए ड्रॉफ्ट नियम जारी किए, जिसमें डेटा फिड्युसरी के लिए अनिवार्य बनाया गया कि किसी भी बच्चे का पर्सनल डेटा प्रोसेस करने से पहले माता-पिता की सहमति ली जाए।

यह एक्ट को अगस्त 2023 में संसद में पारित किया गया था और सरकार 18 फरवरी, 2025 तक 'माईगॉव' पोर्टल के माध्यम से ड्राफ्ट नियमों पर प्रतिक्रिया मांग रही है।

--आईएएनएस

एबीएस/

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