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‘मेड इन अमेरिका’ एप्पल आईफोन की कीमत करीब 3 लाख रुपए हो सकती है : विश्लेषक

नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। शीर्ष विश्लेषकों ने कहा है कि पूरी तरह से इंटीग्रेटेड सप्लाई चेन के अभाव में ‘मेड इन यूएस’ एप्पल आईफोन की कीमत 3,500 डॉलर (2,98,000 रुपए से अधिक) हो सकती है।
‘मेड इन अमेरिका’ एप्पल आईफोन की कीमत करीब 3 लाख रुपए हो सकती है : विश्लेषक

नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। शीर्ष विश्लेषकों ने कहा है कि पूरी तरह से इंटीग्रेटेड सप्लाई चेन के अभाव में ‘मेड इन यूएस’ एप्पल आईफोन की कीमत 3,500 डॉलर (2,98,000 रुपए से अधिक) हो सकती है।

वेडबश सिक्योरिटीज में टेक्नोलॉजी रिसर्च के वैश्विक प्रमुख डैन इवेस ने सीएनएन को बताया कि पूरी तरह से घरेलू आईफोन उत्पादन का विचार एक काल्पनिक कहानी है।

इवेस ने यह भी चेतावनी दी कि अमेरिका में एप्पल की जटिल एशियाई सप्लाई चेन की नकल करने से लागत में भारी वृद्धि होगी।

रिपोर्ट में उनके हवाले से कहा गया है, "आप वेस्ट वर्जीनिया और न्यू जर्सी में फैब के साथ अमेरिका में सप्लाई चेन बनाएं। वे 3,500 डॉलर के आईफोन होंगे।"

इसके अलावा, बाजार पर नजर रखने वालों के अनुसार, एप्पल को अपनी सप्लाई चेन का 10 प्रतिशत अमेरिका में शिफ्ट करने के लिए कम से कम तीन साल और 30 बिलियन डॉलर की भारी भरकम राशि की जरूरत होगी।

एप्पल के सीईओ टिम कुक ने कंपनी की लेटेस्ट तिमाही अर्निंग कॉल के दौरान कहा कि जून तिमाही के लिए अमेरिका को भेजे जाने वाले अधिकांश आईफोन जल्द ही भारत से आएंगे।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आईफोन अमेरिका में नहीं बनाए जाने पर यूरोपीय संघ से सभी आयातों पर 50 प्रतिशत कर लगाने की धमकी दी है और साथ ही एप्पल उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी है।

हालांकि, जानकार सूत्रों के अनुसार, भारत की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त इसे एप्पल जैसी तकनीकी दिग्गजों के लिए एक स्वाभाविक विकल्प बनाती है। इसके अलावा, तकनीकी दिग्गज ने सरकार को अपने उत्पादों के निर्माण और ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया है।

देश ने एप्पल जैसी बड़ी कंपनियों को 'मेक इन इंडिया' का महत्व दिखाया है। मामले से जुड़े लोगों के अनुसार, "भारत में एप्पल की निवेश योजनाओं में कोई बदलाव नहीं हुआ है।"

हाल के वर्षों में भारत एप्पल की ग्लोबल सप्लाई चेन के लिए एक प्रमुख केंद्र बन गया है।

एप्पल जैसी ग्लोबल टेक्नोलॉजी दिग्गज कंपनियों को देश में विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने में बहुत अधिक आर्थिक समझदारी दिखती है।

--आईएएनएस

एसकेटी/एबीएम

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