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ईरान के खिलाफ सक्रिय हुआ ग्रुप,अब मिसाइल से नहीं इस हथियार से कराएंगे चुप,जाने डिटेल 

ईरान के खिलाफ सक्रिय हुआ ग्रुप,अब मिसाइल से नहीं इस हथियार से कराएंगे चुप,जाने डिटेल 

बिज़नस न्यूज़ डेस्क, ईरान और इजराइल युद्ध के बीच एक नई बात तैरने लगी है। वो बात ये है कि ईरान वैश्विक अर्थव्यवस्था की नब्ज कहे जाने वाले होर्मुज जलडमरूमध्य को रोकने या अशांत करने की कोशिश कर सकता है। साथ ही युद्ध की आशंका बढ़ने के मद्देनजर ईरान से आपूर्ति भी बाधित हो सकती है। ऐसे में ईरान को शांत करने और उसे बैकफुट पर लाने के लिए एक और समूह सक्रिय हो गया है। आखिर ईरान के खिलाफ ये समूह किस तरह की प्लानिंग कर रहे हैं, जिससे ईरान शांत हो सके।

दूसरा सवाल, क्या ईरान के पास उस हथियार का कोई जवाब होगा? तीसरा सवाल, इस बीच भारत के लिए किस तरह की स्थिति पैदा होगी? क्या इसका असर भारत में भी देखने को मिलेगा? आइए इन सभी सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करते हैं। ईरान के खिलाफ लॉबी की शुरुआत एक बार फिर ईरान के खिलाफ लॉबी शुरू हो गई है। जिसमें सऊदी अरब से लेकर यूएई के साथ अमेरिका और वो ओपेक और नॉन-ओपेक देश भी हैं, जो इसे एक अवसर के तौर पर देख रहे हैं। ये बात सामने आई है कि ईरान इजराइल के खिलाफ युद्ध को लेकर काफी गंभीर हो गया है। जिसकी वजह से उसके तेल उत्पादन में गिरावट देखने को मिल सकती है। दूसरी ओर, यह होर्मुज जलडमरूमध्य के मार्ग को भी बाधित कर सकता है।

जिसे ईरान ने दक्षिणी छोर पर तीनों तरफ से घेर रखा है। अगर ऐसा हुआ तो कच्चे तेल की कीमतें आसमान छू सकती हैं। तेल और गैस की वैश्विक आपूर्ति का 20 से 30 प्रतिशत हिस्सा होर्मुज जलडमरूमध्य के माध्यम से इसी समुद्री मार्ग से जाता है। खास तौर पर एशियाई देशों को इस मार्ग से आपूर्ति की जाती है, जिसमें चीन, भारत, सिंगापुर, जापान, मलेशिया, पाकिस्तान, श्रीलंका और अन्य एशियाई देश शामिल हैं। इन देशों की आपूर्ति को भुनाने के लिए सऊदी अरब, यूएई, अमेरिका और दुनिया के अन्य गैर-ओपेक देश सक्रिय हो गए हैं। ताकि वे अपने तेल कारोबार का विस्तार कर सकें। विशेषज्ञों के अनुसार ईरान अधिकांश एशियाई देशों को आपूर्ति करता है। अगर युद्ध के कारण आपूर्ति में कोई समस्या आती है तो एशियाई देशों में संकट की स्थिति पैदा हो सकती है।

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