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 हेल्थ इंश्योरेंस के लिए अच्छी खबर, इन एडवांस ट्रीटमेंट पर भी लागू होता है यह हेल्थ कवर

 हेल्थ इंश्योरेंस के लिए अच्छी खबर, इन एडवांस ट्रीटमेंट पर भी लागू होता है यह हेल्थ कवर

बिज़नस न्यूज़ डेस्क, हेल्थ के क्षेत्र में हुई प्रगति से मरीजों को काफी फायदा पहुंचा है, लेकिन इसके बावजूद हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां कई नए ट्रीटमेंट को अभी भी 'अप्रमाणित' मानती हैं. 2019 तक कई सामान्य और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां स्टेम सेल थेरेपी, रोबोटिक सर्जरी, ओरल कीमोथेरेपी जैसे एडवांस ट्रीटमेंट प्रोसीजर के लिए भुगतान करना नहीं चाहती थीं.

IRDAI ने इंश्योरेंस कंपनियों को दिया निर्देश
2019 में भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने इंश्योरेंस कंपनियों को मरीज के 'मॉर्डन' ट्रीटमेंट प्रोसीजर में लगने वाले खर्च को रिम्बर्स करने का निर्देश दिया, जो पहले हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों के कवरेज के दायरे से बाहर थीं. इसमें 12 प्रोसीजर की एक लिस्ट दी गई है, जिन्हें अब इंश्योरेंस कंपनियों को कवर करना होगा, साथ ही उन्हें ज्यादा मॉर्डन ट्रीटमेंट प्रोसीजर कवर करने की छूट भी दी गई. इस सर्कुलर के आने के बाद इश्यू की गई और रिन्यू की गई सभी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों को अब इन मॉर्डन प्रोसीजर पर होने वाले खर्चों के लिए भुगतान करना होगा.

'मॉर्डन' ट्रीटमेंट प्रोसीजर से IRDAI का क्या मतलब है?
2019 के एक सर्कुलर में, इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने खास तौर से 12 'मॉर्डन' प्रोसीजर को शामिल किया, जिन्हें इंश्योरेंस कंपनियों को हॉस्पिटलाइजेशन, होम ट्रीटमेंट और डे केयर क्लेम के तौर पर अनिवार्य रूप से कवर करना होगा. इनमें यूटेराइन आर्टरी एम्बोलिजेशन (सर्जरी के बिना फाइब्रॉएड का इलाज करने की एक प्रक्रिया), बैलून साइनोप्लास्टी (एक तरह की एंडोस्कोपिक नेजल सर्जरी), डीप ब्रेन स्टिमुलेशन, ओरल कीमोथेरेपी, इंजेक्शन के तौर पर दी जाने वाली इम्यूनोथेरेपी-मोनोक्लोनल एंटीबॉडी - इंट्राविट्रियल इंजेक्शन, रोबोटिक सर्जरी, स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी, ब्रोन्कियल थर्मोप्लास्टी, प्रोस्टेट का वैपोराइजेशन (ग्रीन लेजर ट्रीटमेंट या होल्मियम लेजर ट्रीटमेंट), इंट्रा-ऑपरेटिव न्यूरो मॉनिटरिंग और स्टेम सेल थेरेपी शामिल हैं. इनके अलावा, इंश्योरेंस कंपनियों के पास दूसरे मॉर्डन ट्रीटमेंट प्रोसीजर को भी कवर करने का ऑप्शन होता है.

कई इंश्योरेंस कंपनियां इन प्रोसीजर को एक्सपेरिमेंटल के तौर पर देखती हैं. IRDAI का एक्सक्लूजन सर्कुलर भी बीमा कंपनियों को 'अप्रमाणित' उपचार प्रक्रियाओं को बाहर करने की इजाजत देता है. IRDAI के 2019 सर्कुलर नोट्स में कहा गया है कि अप्रमाणित उपचार यानी अनप्रूवन ट्रीटमेंट ऐसे ट्रीटमेंट और प्रोसीजर होते हैं जिनकी इफेक्टिविटी को सपोर्ट करने के लिए जरूरी मेडिकल डॉक्यूमेंटेशन की कमी होती है.कुछ बीमा कंपनियों का तर्क है कि सिर्फ इसलिए कि कुछ प्रोसीजर नए और इनोवेटिव हैं, इसका मतलब यह नहीं हो जाता है कि वे पुराने इलाज के तरीकों से ज्यादा बेहतर हैं. अगर आप भी मॉर्डन ट्रीटमेंट पर खर्च करके इंश्योरेंस क्लेम करने का सोच रहे हैं तो पहले अपनी इंश्योरेंस कंपनी से पता कर लीजिए की खर्च की गई रकम का कितना फीसदी इंश्योरेंस कंपनी रिम्बर्स करेगी.

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