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दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जापान भयंकर मंदी की चपेट में, महंगाई और घरेलू खपत तक हर जगह मारा-मारी

दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जापान भयंकर मंदी की चपेट में, महंगाई और घरेलू खपत तक हर जगह मारा-मारी

बिज़नस न्यूज़ डेस्क, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान जापान की अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है। बढ़ती महंगाई का असर घरेलू मांग और निजी खपत पर पड़ा है. जापान दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। तिमाही-दर-तिमाही आधार पर जापान की अर्थव्यवस्था में लगातार दूसरी तिमाही में गिरावट का मतलब है कि तकनीकी रूप से देश अब मंदी की चपेट में है। ऐसे में जापान के सेंट्रल बैंक गवर्नर काज़ुओ उएदा के लिए ब्याज दरों को सामान्य करना और भी मुश्किल हो जाएगा. इसके अलावा राजकोषीय नीति के मोर्चे पर भी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के लिए बड़ी चुनौती होगी.

जीडीपी में इस गिरावट के बाद अब इस बात को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है कि यहां का केंद्रीय बैंक नकारात्मक दर नीति को कब खत्म करेगा. अब तक इसके साल 2024 में खत्म होने का अनुमान लगाया गया था. जीडीपी में इस गिरावट के बाद जापान दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से फिसलकर चौथे स्थान पर आ गया है. जर्मनी अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है.

चौथी तिमाही की जीडीपी में कितनी गिरावट?
चौथी तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर के दौरान जापान की जीडीपी में साल-दर-साल आधार पर 0.4% की गिरावट आई है। तिमाही आधार पर चौथी तिमाही में जापान की अर्थव्यवस्था में 0.1% की गिरावट आई है। दूसरी तिमाही के मुकाबले तीसरी तिमाही में 0.4% की गिरावट आई, इससे पहले जुलाई-सितंबर तिमाही में भी 2.9% की गिरावट देखी गई थी। चौथी तिमाही के दौरान निजी खपत में 0.2% की गिरावट आई है।

मुद्रास्फीति और घरेलू खपत में कमजोरी
दरअसल, जापान में हाल के दिनों में महंगाई कम हुई है। लेकिन, मुख्य मुद्रास्फीति दर (खाद्य और ऊर्जा की कीमतों को छोड़कर) 15वें महीने के लिए केंद्रीय बैंक के 2% लक्ष्य से ऊपर रही। ऐसे में जीडीपी के आंकड़े उम्मीद से कमजोर रहने के बाद अब देखना होगा कि बैंक ऑफ जापान महंगाई को काबू में रखते हुए घरेलू मांग को कैसे बढ़ाता है. फिलहाल इस केंद्रीय बैंक का मानना है कि वेतन में बढ़ोतरी से उपभोक्ता खपत बढ़ाने में मदद मिलेगी.

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