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RBI की MPC में बदलाव से पहले हुआ ब्याज दरों में बड़ा फेरबदल,जाने आगे क्या है RBI का प्लान 

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बिज़नस न्यूज़ डेस्क,अक्टूबर का महीना काफी अहम है क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के हाल में अपने ब्याज दरों में कटौती करने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक भी अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति का ऐलान करने वाला है. मौद्रिक नीति का असर लोगों के होम लोन से लेकर कार लोन तक के ईएमआई और ब्याज दर पर पड़ता है. लेकिन इससे पहले ही आरबीआई ने ब्याज दरों पर फैसला लेने वाली मौद्रिक नीति समिति में बड़ा फेरबदल कर दिया है.आरबीआई की 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति में 3 सदस्य खुद आरबीआई से होते हैं, जबकि 3 सदस्यों को बाहर से शामिल किया जाता है. आरबीआई ने मंगलवार को जानकारी दी कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) में 3 नए बाहरी सदस्य शामिल किए गए हैं. सरकार ने राम सिंह, सौगत भट्टाचार्य और नागेश कुमार को भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति का नया बाहरी सदस्य नियुक्त किया है.

RBI MPC के नए सदस्यों का परिचय
सरकार ने रेपो रेट तय करने वाली भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का पुनर्गठन किया है. भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम-1934 के तहत मिले अधिकार का इस्तेमाल करते हुए सरकार ने मौद्रिक नीति समिति का पुनर्गठन किया है.इकनॉमिक्स के डायरेक्टर हैं. सौगत भट्टाचार्य एक इकोनॉमिस्ट हैं. जबकि डॉ. नागेश कुमार औद्योगिक विकास अध्ययन संस्थान के डायरेक्टर और सीईओ हैं. इनसे पहले आरबीआई एमपीसी में बाहरी सदस्य के तौर पर डॉ. आशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा और शंशाक भिड़े शामिल रहे हैं और इनका कार्यकाल इसी सप्ताह समाप्त हो रहा है.

आरबीआई एमपीसी का ढांचा
आरबीआई अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक एमपीसी में छह सदस्य होते हैं. तीन सदस्य आरबीआई से और तीन केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं. वित्त मंत्रालय के बयान के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम-1934 की धारा 45ZB के तहत केंद्र सरकार ने केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति का पुनर्गठन किया है.एमपीसी में इन 6 सदस्यों के अलावा इसके तहत आरबीआई के गवर्नर एमपीसी के चेयरपर्सन होते हैं. इसके अलावा रिजर्व बैंक में मौद्रिक नीति के प्रभारी डिप्टी गवर्नर इसके सदस्य होते हैं. वहीं केंद्रीय बोर्ड द्वारा नॉमिनी बनाए गए आरबीआई के अधिकारी पदेन सदस्य होते हैं.

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