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आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान के लिए बुरी खबर! जीडीपी 0.29 फीसदी रहने का अनुमान

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बिज़नस न्यूज़ डेस्क, भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में आर्थिक हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. अब देश की राष्ट्रीय लेखा समिति ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर को घटा दिया है। पहले देश की जीडीपी ग्रोथ (पाकिस्तान जीडीपी ग्रोथ) 2 फीसदी आंकी गई थी, जिसे अब घटाकर 0.29 फीसदी कर दिया गया है। इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक डिफॉल्ट की चिंता के बीच कमेटी ने औद्योगिक विकास में कमी की जानकारी दी है.

कमेटी ने जीडीपी पर यह बात कही
राष्ट्रीय लेखा समिति ने यह भी कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी के आंकड़े को संशोधित कर 5.97 प्रतिशत से 6.10 प्रतिशत कर दिया गया है। जबकि वित्तीय वर्ष 2020-21 में समिति का आंकड़ा 5.74 प्रतिशत था, लेकिन इस दौरान वास्तविक आंकड़ा 5.77 प्रतिशत था. ऐसे में एक साल के भीतर पाकिस्तान की जीडीपी 6.10 फीसदी से घटकर 0.29 फीसदी रह जाएगी।

देश आर्थिक संकट से गुजर रहा है
गौरतलब है कि पाकिस्तान लंबे समय से आर्थिक संकट से गुजर रहा है. लाख कोशिशों के बाद भी अभी तक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कोई समझौता नहीं हो सका है। पाकिस्तान ने साल 2019 में आईएमएफ के साथ 6.5 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज का समझौता किया था, जिसके लिए पाकिस्तान लंबे समय से 1.1 अरब डॉलर की किस्त हासिल करने की कोशिश कर रहा है. इसके साथ ही राजनीतिक अस्थिरता और पिछले साल आई विनाशकारी बाढ़ ने देश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया है। इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने शुक्रवार को कहा था कि वित्त वर्ष 2022-23 में देश की जीडीपी 2 फीसदी से कम रह सकती है.

आम लोग रिकॉर्ड महंगाई से परेशान हैं
आर्थिक बदहाली के साथ ही रिकॉर्ड महंगाई ( Pakistan Inflation ) ने आम जनता की कमर तोड़ कर रख दी है. अप्रैल में महंगाई दर 36.4 फीसदी पर पहुंच गई थी। इससे पाकिस्तानी रुपया डॉलर के मुकाबले अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था। देश में आटे की किल्लत के चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था.

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