Samachar Nama
×

समद्र के अंदर तैनात होंगे स्वदेशी रक्षक, अडाणी समूह ने अमेरिकी कंपनी से की साझेदारी

समुद्र में अब भारत की ताकत और बढ़ेगी। रक्षा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने एल्बिट सिस्टम्स की समूह कंपनी स्पार्टन के साथ एक समझौता किया है, जिसके बाद दोनों कंपनियां संयुक्त रूप से भारतीय नौसेना के लिए पनडुब्बी रोधी युद्ध....
afd

समुद्र में अब भारत की ताकत और बढ़ेगी। रक्षा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने एल्बिट सिस्टम्स की समूह कंपनी स्पार्टन के साथ एक समझौता किया है, जिसके बाद दोनों कंपनियां संयुक्त रूप से भारतीय नौसेना के लिए पनडुब्बी रोधी युद्ध (एएसडब्ल्यू) समाधान विकसित करेंगी। अडानी की कंपनी भारतीय सेना को सोनोबॉय तकनीक मुहैया कराएगी, जिससे दूर से ही दुश्मन की पनडुब्बियों की पहचान हो सकेगी।

अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने स्पार्टन के साथ मिलकर भारत को समुद्री शक्ति में नई ऊंचाइयों पर ले जाने की पहल की है। इस साझेदारी के तहत, दोनों कंपनियां स्वदेशी सोनोबॉय समाधान विकसित करेंगी, जो पानी के नीचे के खतरों, विशेष रूप से दुश्मन की पनडुब्बियों पर नज़र रखने में भारतीय नौसेना के लिए गेम-चेंजर साबित होगा। इस सौदे के साथ, अडानी डिफेंस भारत में सोनोबॉय जैसी उच्च तकनीक रक्षा समाधान प्रदान करने वाली पहली निजी कंपनी बन गई है। यह कदम आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया मिशन को और मजबूत करेगा।

सोनोबॉय टेक्नोलॉजी क्या है?

सोनोबॉय एक उन्नत उपकरण है जो पानी के अंदर पनडुब्बियों और अन्य खतरों का पता लगाने में सक्षम है। यह पनडुब्बियों की आवाज़ या संकेतों को पकड़ने और उनका पता लगाने के लिए सोनार (ध्वनि तरंगों) का उपयोग करता है। इसके बाद यह सूचना रेडियो तरंगों के माध्यम से नौसैनिक जहाजों या विमानों तक भेजी जाती है। सोनोबॉय पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW) और नौसैनिक अभियानों में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। अब तक भारत इस तकनीक के लिए विदेशी आयात पर निर्भर था, लेकिन अब अडानी और स्पार्टन मिलकर भारत में इसका निर्माण करेंगे।

डील से ऐसे होगा फायदा

इस साझेदारी में स्पार्टन की नवीनतम ASW प्रौद्योगिकी और अडानी डिफेंस की उत्पादन, विकास और रखरखाव विशेषज्ञता का शक्तिशाली संयोजन होगा। इससे न केवल भारतीय नौसेना की समुद्री युद्ध क्षमता बढ़ेगी, बल्कि देश के रक्षा विनिर्माण को भी बढ़ावा मिलेगा। इस समझौते से भारत को विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर अपनी निर्भरता कम करने और स्वदेशी प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

कंपनी की ओर से आया यह बयान

अडानी एंटरप्राइजेज के वाइस चेयरमैन जीत अडानी ने कहा कि आज का समुद्री वातावरण बहुत अनिश्चित है। ऐसे में भारत की युद्ध क्षमता को मजबूत करना न केवल सामरिक जरूरत है, बल्कि देश के राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है। वहीं, स्पार्टन डेलियन स्प्रिंग्स एलएलसी के अध्यक्ष और सीईओ डोनेली बोहन ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अडानी डिफेंस के सहयोग से भारतीय नौसेना की जरूरतों के लिए टेलर-मेड एएसडब्लू समाधान प्रदान करना हमारे लिए गर्व की बात है।

Share this story

Tags