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ग्रेनो प्राधिकरण की वाणिज्यिक भूखंड योजना लॉन्च, 18 भूखंडों की कीमत लगभग 1,134 करोड़ रुपए

ग्रेटर नोएडा, 27 फरवरी (आईएएनएस)। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने चार एफएआर (फ्लोर एरिया रेश्यो) वाले 18 वाणिज्यिक भूखंडों की योजना लॉन्च कर दी है। अगर ये सभी भूखंड आवंटित हो गए तो ग्रेटर नोएडा में शीघ्र ही 18 कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स और बन सकेंगे।
ग्रेनो प्राधिकरण की वाणिज्यिक भूखंड योजना लॉन्च, 18 भूखंडों की कीमत लगभग 1,134 करोड़ रुपए

ग्रेटर नोएडा, 27 फरवरी (आईएएनएस)। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने चार एफएआर (फ्लोर एरिया रेश्यो) वाले 18 वाणिज्यिक भूखंडों की योजना लॉन्च कर दी है। अगर ये सभी भूखंड आवंटित हो गए तो ग्रेटर नोएडा में शीघ्र ही 18 कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स और बन सकेंगे।

रिजर्व प्राइस पर इन 18 भूखंडों की कीमत लगभग 1,134 करोड़ रुपये है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर वाणिज्यिक विभाग ने चार एफएआर वाले 18 भूखंडों की योजना सोमवार को लॉन्च की।

28 फरवरी से इस योजना के भूखंडों के लिए पंजीकरण शुरू हो जाएंगे। ये भूखंड 2,313 वर्ग मीटर सेे लेकर 12,000 वर्ग मीटर एरिया तक के हैं। सेक्टर 10 मेें चार, सेक्टर 12 में छह, अल्फा टू, इकोटेक 12 और टेकजोन में एक-एक और डेल्टा टू में पांच भूखंड स्थित हैं। चार एफएआर होने के कारण आवंटी कुल ग्राउंड कवरेज का 400 फीसदी पर निर्माण कर सकता है। इससे ग्रेटर नोएडा में अब हाईराइज कॉमर्शियल इमारतें बन सकेंगी।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने बताया कि 28 फरवरी से ब्रोशर डाउनलोड करने की सुविधा शुरू हो जाएगी। स्कीम में पंजीकरण कराने की अंतिम तिथि 21 मार्च है। प्रोसेसिंग फीस और डाॅक्यूमेंट जमा करने की अंतिम तारीख 23 मार्च है। इन भूखंडों का आवंटन ऑक्शन के जरिए ही किया जाएगा।

आवेदन से लेकर आवंटन तक की सारी प्रक्रिया ऑनलाइन ही पूरी की जाएगी। एसबीआई पोर्टल के जरिए आवेदन किया जाएगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वेबसाइट से भी एसबीआई पोर्टल को लिंक किया गया है, ताकि आवेदक प्राधिकरण की वेबसाइट से भी आवेदन कर सकें।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने कहा है कि निवेशकों की मांग और ग्रेटर नोएडावासियों की जरूरत को देखते हुए प्राधिकरण ने चार एफएआर के साथ वाणिज्यिक भूखंड योजना को लॉन्च कर दी है। आवंटन प्रक्रिया पूरी होते ही पजेशन दे दिया जाएगा। इन भूखंडों पर वाणिज्यिक गतिविधियां शुरू होने से आसपास के निवासियों की रोजमर्रा की जरूरतें भी पूरी हो सकेंगी।

--आईएएनएस

पीकेटी/एबीएम

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