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एक वो भी दौर था जब Bajaj Chetak के रहमोकरम पर रहते थे दुल्हा-दुल्हन,इसके विना पूरी नहीं होती थी शादी 

एक वो भी दौर था जब Bajaj Chetak के रहमोकरम पर रहते थे दुल्हा-दुल्हन,इसके विना पूरी नहीं होती थी शादी 

ऑटो न्यूज़ डेस्क,बजाज चेतक एक ऐसा स्कूटर था जिसने भारत में टू-व्हीलर मार्केट की सूरत को बदलकर रख दिया. इसकी कहानी 1972 से शुरू होती है, जब बजाज ऑटोमोबाइल्स ने इसे भारतीय बाजार में लॉन्च किया. चेतक इंडियंस के लिए एक भरोसा बनकर आया, जिसने आम लोगों के सपनों को सच करने की इजाजत दी. यह वो समय था जब मार्केट में टू-व्हीलर के बहुत कम ऑप्शन थे. अपनी निजी कार, बाइक या स्कूटर खरीदना हर किसी के लिए बेहत मुश्किल था. ऐसे समय पर बजाज चेतक घर-घर की पहचान बन गया.

बजाज चेतक को सबसे पहले 2-स्ट्रोक इंजन के साथ लॉन्च किया गया था. इसकी खूबियों ने तेजी से मिडिल-क्लास का ध्यान अपनी ओर खींचा. इसमें 145cc इंजन की पावर मिलती थी. भारत में सड़कों की कंडीशन अच्छी नहीं थी, जबकि चेतक स्कूटर चलाने में आसान और आरामदायक था. इसलिए 1970-80 के दशक में इस स्कूटर की लोकप्रियता ने झंडे गाड़ दिए थे.

बजाज के कैंपेन से चेतक ने मचाया तूफान
भारत में चेतक को पसंद किया जा रहा था, लेकिन बजाज अपनी तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती थी. कंपनी ने चेतक के मार्केटिंग कैंपेन को नया आयाम दिया. इन कैंपेन से लोगों के दिमाग में ये चीज बस गई कि चेतक हर एक फैमिली की जरूरत है.इस तरह की टैगलाइन का इस्तेमाल करते हुए बजाज का ‘हमारा बजाज’ कैंपेन हिट साबित हुआ. कार खरीदना हर किसी के बस की बात नहीं थी, ऐसे में स्कूटर परिवार की जरूरत पूरी कर सकता था. इसलिए चेतक एक स्टेटस सिंबल बन चुका था.

जब दहेज में दिया जाने लगा चेतक
चेतक ना केवल फैमिली स्कूटर बना, बल्कि इसे दहेज में भी दिया जाने लगा. दहेज जैसी कुप्रथा में चेतक स्कूटर की मांग तेजी से बढ़ने लगी. यहां तक कि अगर दहेज में देने के लिए चेतक स्कूटर की डिलीवरी समय पर नहीं होती थी तो लोग शादियों की तारीख आगे बढ़ा देते थे. शादी के दौरान दुल्हा-दुल्हन की रस्में चेतक स्कूटर की डिलीवरी पर निर्भर रहने लगीं.

10 साल करना पड़ता था इंतजार
यह वो दौर था जब भारत में लाइसेंस राज था. उस समय कंपनियों पर सरकार का शिंकजा रहता था. बजाज ऑटो सालाना केवल 20,000 चेतक स्कूटर बना सकता थी. मगर डिमांड इतनी जबरदस्त थी कि लोग इसकी डिलीवरी के लिए 10 साल तक इंतजार करते थे. अगर कोई इतना इंतजार नहीं करना चाहता था तो वो ज्यादा पैसे देकर ब्लैक मार्केट से चेतक खरीदता था.

चेतक ने छोड़ा ‘गहरी छाप’
बजाज ने बाद में इसका 4-स्ट्रोक वर्जन भी पेश किया. लेकिन जैसे-जैसे मार्केट डेवलप होने लगी बजाज चेतक की डिमांड भी कम होती गई. बजाज के ही अंदर स्कूटर की जगह बाइक आ गई थीं, जिसका खामियाजा स्कूटर की मार्केट को भुगतना पड़ा. हालांकि, मार्केट में बने रहने के लिए कंपनी चेतक को अपडेट करती रही, लेकिन आखिरकार 2009 में बजाज को स्कूटर बनाना बंद करना पड़ा. अब कंपनी बजाज चेतक का इलेक्ट्रिक वर्जन बेचती है.

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