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लोगों की परेशानी के चलते तमिलनाडू सरकार ने प्रदेश में बसों की संख्या बढाई।

जयपुर। देश में किसी भी शहर में सरकारी ट्रांसपोर्टेशन की हालात अच्छी नहीं है। विभागों के पास आवश्यकता की तुलना में लगभग आधी बसें उपलब्ध है। किसी तरह लोग शहर में परिवहन की सरकारी सुविधा का फायदा उठा रहे है। मगर अधिकांश सरकारी परिवहन विभागों की व्यवस्थाऐं चरमरा गई हैं। इस सिस्टम में कुछ अन्तर
लोगों की परेशानी के चलते तमिलनाडू सरकार ने प्रदेश में बसों की संख्या बढाई।

जयपुर। देश में किसी भी शहर में सरकारी ट्रांसपोर्टेशन की हालात अच्छी नहीं है। विभागों के पास आवश्यकता की तुलना में लगभग आधी बसें उपलब्ध है। किसी तरह लोग शहर में परिवहन की सरकारी सुविधा का फायदा उठा रहे है। मगर अधिकांश सरकारी परिवहन विभागों की व्यवस्थाऐं चरमरा गई हैं।लोगों की परेशानी के चलते तमिलनाडू सरकार ने प्रदेश में बसों की संख्या बढाई।

इस सिस्टम में कुछ अन्तर पैदा करते हुऐ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एडप्पादी के पलानीस्वामी ने गुरुवार को राज्य के परिवहन निगमों के लिए 370 नई बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।लोगों की परेशानी के चलते तमिलनाडू सरकार ने प्रदेश में बसों की संख्या बढाई।

370 बसों में से, चेन्नई में मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (MTC) को 30 बसों का आवंटन किया गया, जबकि स्टेट एक्सप्रेस ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (SETC) को 65 बसें दी गईं। TNSTC को 275 बसें (विल्लुपुरम डिवीजन – 27 बसें, सलेम – 57, कोयंबटूर -104, कुंभकोणम -41, मदुरै -20 और तिरुनेलवेली -26) मिलीं।लोगों की परेशानी के चलते तमिलनाडू सरकार ने प्रदेश में बसों की संख्या बढाई।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है मुख्यमंत्री ने सचिवालय से पांच बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। एआईएडीएमके सरकार ने मई 2011 में बागडोर संभालने के बाद से राज्य परिवहन उपक्रमों में 13,253 नई बसें शामिल की हैं। हर दिन 1.74 करोड़ यात्री राज्य परिवहन निगम की सेवाओं का लाभ उठाते हैं।लोगों की परेशानी के चलते तमिलनाडू सरकार ने प्रदेश में बसों की संख्या बढाई।

गौरतलब है कि तमिलनाडू सरकार एक सही दिशा में काम कर रही है क्योंकी अधिकांश राज्यों में सरकार विभाग की अनदेखी का फायदा उठाकर कई प्राइवेट बस सर्विस मनमांगे पैसे कमा कर रही है और लोग को ठग रही है। ऐसे में तमिलनाडू सरकार के इस फैसले की सराहना करना आवश्यक है और बाकी राज्यों को भी इससे कुछ सीख लेनी चाहीए और लोगों को रोज सफर में हो रही परेशानी को समझना चाहीए। इन सब का मतलब तभी है जब किसी की कोई समस्या का समाधान हो।

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