भारत-PAK सीमा पर सीजफायर को लेकर इस शख्स ने कही बड़ी बात, पीएम मोदी और ट्रंप के रिश्तों पर गहरी टिपण्णी
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मध्यस्थता के डोनाल्ड ट्रंप के दावों को बार-बार खारिज किया है। यूरेशिया के राष्ट्रपति इयान ब्रेमर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि अगर उन्होंने ट्रंप के दावों को मान लिया होता, तो अमेरिकी राष्ट्रपति की प्रतिष्ठा बच जाती, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
'पीएम मोदी ट्रंप को शर्मिंदगी से बचा सकते थे'
इयान ब्रेमर ने शुक्रवार (19 सितंबर, 2025) को कहा, "चीन और रूस ने डोनाल्ड ट्रंप का प्रभावी ढंग से सामना किया है। मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी भी अब उसी स्थिति में हैं। अगर पीएम मोदी चाहते, तो वे भारत-पाकिस्तान मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शर्मिंदगी से बचा सकते थे, लेकिन उन्होंने सार्वजनिक रूप से यह कहने का फैसला किया कि इस युद्ध से उनका कोई लेना-देना नहीं है। वास्तव में, उन्होंने वैश्विक मंच पर ट्रंप को शर्मिंदा किया।" डोनाल्ड ट्रंप का विरोध करने वाले देशों का जिक्र करते हुए, इयान ब्रेमर ने कहा, "अमेरिकी राष्ट्रपति मुख्य रूप से दुनिया को अपनी ताकत दिखाने में रुचि रखते हैं। उनका मानना है कि वे राष्ट्रपति हैं, वे शक्तिशाली हैं, और आपको उनकी बात माननी होगी।"
'प्रधानमंत्री मोदी ने सच सार्वजनिक कर दिया'
ब्रेमर ने आगे कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्तिगत रूप से युद्धविराम पर ट्रंप के दावों के पीछे की सच्चाई को सार्वजनिक रूप से उजागर करने और अमेरिकी राष्ट्रपति को शर्मिंदा करने का फैसला किया। अमेरिकी राष्ट्रपति ऐसी स्थिति में हैं जहाँ ज़्यादातर नेता चुप रहना पसंद करते, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसा नहीं किया और ट्रंप ने इसे बर्दाश्त कर लिया।" कीर स्टारमर का उदाहरण देते हुए, इयान ब्रेमर ने कहा कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री डोनाल्ड ट्रंप को पसंद नहीं करते, लेकिन उन्हें ट्रंप से अन्य देशों की तुलना में बेहतर डील मिली। उन्होंने कहा, "स्टारमर बहुत कमज़ोर स्थिति में हैं। प्रधानमंत्री मोदी वास्तव में इसके ठीक विपरीत हैं, यानी वे बहुत अच्छी स्थिति में हैं। इससे घरेलू राजनीति में प्रधानमंत्री मोदी को मदद मिली है। हम देखेंगे कि क्या इसका सुरक्षा और आर्थिक संबंधों पर व्यापक प्रभाव पड़ता है।"

