
ऑटो न्यूज़ डेस्क, देश में पेट्रोल और डीजल महंगा होने के कारण अब लोग तेजी से सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों को अपना रहे हैं, जो पर्यावरण के लिहाज से काफी हद तक सही भी है। लेकिन जिस चीज के कुछ फायदे होते हैं उसके कुछ नुकसान भी होते हैं। यहां हम आपको सीएनजी कारों के फायदे और नुकसान दोनों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। ताकि आपको कार खरीदने के बाद पछतावे का सामना न करना पड़े।
सीएनजी कार के फायदे-
कम प्रदूषण उत्सर्जन
सीएनजी से चलने वाले वाहन पेट्रोल-डीजल वाहनों की तुलना में कम प्रदूषण फैलाते हैं, जिससे पर्यावरण को कम नुकसान होता है। इस लिहाज से सीएनजी कारों को काफी बेहतर माना जाता है।
ढीली जेब
माइलेज भी पेट्रोल-डीजल कार के मुकाबले सीएनजी फ्यूल पर ज्यादा होता है, जिससे जेब कम ढीली होती है और आप कार को ज्यादा इस्तेमाल कर पाते हैं। जबकि दूसरे ईंधन पर चलाने के लिए कई बार सोचना पड़ता है।
कम रखरखाव
खासकर डीजल कारों की तुलना में सीएनजी से चलने वाली गाड़ियों के मेंटेनेंस पर ज्यादा खर्च करने की जरूरत नहीं है। डीजल इंजन वाली कार का मेंटेनेंस बहुत ज्यादा होता है। सीएनजी एक स्वच्छ और स्वच्छ ईंधन है।
पेट्रोल का विकल्प
सीएनजी वाहनों में आपको डबल फ्यूल का विकल्प मिलता है। जिससे सीएनजी खत्म होने पर आप पेट्रोल पर भी ड्राइव कर सकते हैं और लंबी दूरी तय कर सकते हैं।
सीएनजी कार के नुकसान-
ईंधन की कमी
भले ही देश में सीएनजी पंपों की संख्या में इजाफा हुआ है, लेकिन वाहनों की संख्या के अनुपात में इनकी संख्या अभी भी कम है। जिसकी वजह से कई बार सीएनजी पंप से खाली हाथ लौटना पड़ता है या सीएनजी उपलब्ध होने पर भी बिना पेट्रोल-डीजल की तरह बिना मिलाए लंबी लाइन के बाद लिया जा सकता है।
ज्यादा कीमत
सीएनजी किट के साथ आने वाले वाहनों की कीमत पेट्रोल से चलने वाले वाहनों की तुलना में अधिक होती है, क्योंकि इसमें इंजन को सीएनजी गैस पर चलाने के लिए सीएनजी किट सहित अन्य पुर्जे लगाए जाते हैं।
बूट स्पेस में कमी
अधिकांश सीएनजी लगे वाहनों में बूट स्पेस की कमी होती है। हालांकि, अब कार निर्माता कंपनियां इस पर तेजी से काम कर रही हैं, ताकि सीएनजी सिलेंडर लगाने के बाद भी गाड़ी में अच्छा बूट स्पेस मिल सके।