Samachar Nama
×

जाने व्हीकल इंश्योरेंस में क्या होता है टोटल लॉस,जाने इसके नुकसान और फायदे 

जाने व्हीकल इंश्योरेंस में क्या होता है टोटल लॉस,जाने इसके नुकसान और फायदे 

ऑटो न्यूज़ डेस्क,अगर आप अपनी कार के लिए नई कार इन्श्योरेन्स प्लान खरीद रहे हैं तो इससे जुड़े क्रिटिकल और टेक्नीकल जानकारी आपको मालूम होनी चाहिए। व्हीकल इन्श्योरेन्स को लेकर एक ऐसा ही टेक्निकल टर्म टोटल लॉस  हैं। इस आर्टिकल में हम आपको मोटर इन्श्योरेन्स के बारे में डिटेल में जानकारी दे रहे हैं।

मोटर इन्श्योरेन्स में क्या होता है टोटल लॉस?
व्हीकल इन्श्योरेन्स में किसी वाहन को टोटल लॉस उस वक्त डिक्लियर किया जाता है, जब कोई कार, बाइक या थ्री व्हीलर इस हद तक डैमेज हो जाता है कि उसे पहले जैसी स्थित में नहीं लाया जा सकता है। इस स्थित में कार को टोटल लॉस में डाल दिया जाता है।दूसरी ओर, अगर गाड़ी के मरम्मत में आने वाला खर्च आईडीवी (इन्श्योरेन्स डिक्लेयर्ड वैल्यू ) से  75 प्रतिशत अधिक हो जाती है, तो इसे कंस्ट्रक्टिव टोटल लॉस (सीटीएल) घोषित कर दिया जाता है। आमतौर पर किसी भी व्हीकल को दो स्थिति में टोटल लॉस किया जाता है। 

1. एक्सीडेंट: अगर कार एक्सीडेंट में डैमेज हो जाए और रिपेयर में ज्यादा खर्च हो या कार किसी काम की न रह जाए।

2. चोरी: कार चोरी हो जाए और अथॉरिटी उसे खोज न पाएं।

एक्सीडेंट या वाहन चोरी होने की स्थिति में इन्श्योरेन्स कंपनी ग्राहक को गाड़ी के आईडीवी के बराबर की रकम ग्राहक को देती है। अगर रिपेयर रकम आईडीवी के 75 प्रतिशत या उससे ज्यादा हो तो इसे टोटल लॉस में डाल दिया जाता है।

टोटल लॉस और कंस्ट्रक्टिव टोटल लॉस में अंतर
अगर वाहन इस हद तक डैमेज हुआ है कि उसे एक्सीडेंट से पहले वाली स्थिति में नहीं लाया जा सकता है तो उसे टोटल लॉस कहते हैं। अगर डैमेज रिपेयरिंग में लगने वाली लागत व्हीकल के आईडीवी राशि के 75% से ज्यादा है, तो इसे कंस्ट्रक्टिव टोटल लॉस में शामिल कर लिया जाता है।कंस्ट्रक्टिव टोटल लॉस में एक्सीडेंटल व्हीकल की रिपेयरिंग में पैसा खर्च करने की तुलना में नया वाहन खरीदना बेहतर माना जाता है। जबकि टोटल लॉस में व्हीकल को रिपेयर किया ही नहीं जा सकता है।

Share this story

Tags