सड़क पर क्यों बनी होती है जेब्रा क्रॉसिंग? काली और सफेद पट्टियों के पीछे छिपे हैं कई राज
ऑटो न्यूज़ डेस्क - चौराहों और अंडरपास के पास सड़क पर सफेद पट्टी बना दी जाती है, जिसे जेब्रा क्रॉसिंग कहते हैं। ये क्रॉसिंग लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं। वाहन चलाने वाले लोग जानते हैं कि उन्हें कहां धीमा या रुकना है और सड़क पार करने वालों को पता है कि सड़क को कहां पार करना है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसका नाम जेब्रा क्रॉसिंग क्यों पड़ा? आइए सबसे पहले आपको बताते हैं कि आखिर इसका जेब्रा क्रॉसिंग नाम कैसे पड़ा। काले और सफेद रंग की क्रॉसिंग होने के कारण यह जेब्रा प्रिंट जैसा दिखता है, जिसके कारण इसे जेब्रा क्रॉसिंग कहा जाने लगा।
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डामर से बनी सड़कें काली हैं। ऐसे में जब इस पर सफेद रंग की पट्टियां छपी होती हैं तो ये इसके विपरीत भी नजर आती हैं। आपको बता दें कि क्रॉसिंग बनाने से पहले कई रंगों का चयन किया गया है। लेकिन सफेद धारियां सबसे उपयुक्त लगीं, क्योंकि इस पर चलने वाले लोग आसानी से नजर आ जाते हैं। हालांकि कई देशों ने अपने हिसाब से क्रॉसिंग के डिजाइन या रंग में बदलाव किया है।
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इसको लेकर नियम भी बनाए गए हैं। रेड सिग्नल होने पर वाहन चालकों को अपनी कार या बाइक सड़क पर पट्टी के पीछे खड़ी करनी पड़ती है। उस पट्टी के सामने जेब्रा क्रॉसिंग बना दी जाती है, ताकि पैदल यात्री इसे पार कर सकें। लेकिन आपने कई बार देखा होगा कि वाहन चालक पीली पट्टी को पार कर जेब्रा क्रासिंग पर वाहन खड़े कर देते हैं। बता दें, अगर आप भी ऐसा करते हैं तो आपको इसके लिए भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। पीली पट्टी के आगे पार्किंग करने पर रेड सिग्नल जंप करने पर भी जुर्माना लगाया जा सकता है।

