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इन दो कार कंपनियों के पीछे पड़े लाखों ग्राहक, पैसे लुटाने को तैयार लेकिन नहीं मिल रही गाड़ी!

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ऑटो न्यूज़ डेस्क, ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए साल 2022 काफी बेहतर रहा है। कई वाहन निर्माताओं ने साल 2022 में शानदार बिक्री की है। लेकिन, अभी भी उद्योग पूरी तरह पटरी पर नहीं लौट पाया है। वैश्विक स्तर पर कलपुर्जों और पुर्जों की आपूर्ति में मामूली संकट आया है। यही वजह है कि लगभग सभी कार निर्माताओं के पास पेंडिंग ऑर्डर्स की लंबी लिस्ट होती है और कारों की डिलीवरी के लिए वेटिंग पीरियड बहुत ज्यादा होता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में शीर्ष दो कार निर्माताओं - मारुति और हुंडई के पास कुल मिलाकर 5 लाख से ज्यादा पेंडिंग ऑर्डर हैं। मारुति के पास 3.65 लाख और हुंडई के पास 1.60 लाख पेंडिंग ऑर्डर हैं। यानी इन दोनों कंपनियों की कारों को 5 लाख से ज्यादा लोगों ने बुक किया है लेकिन उन्हें अभी तक डिलीवरी नहीं मिली है।

मारुति और हुंडई दोनों की कई कारों का वेटिंग पीरियड लंबा होता है। भारत के शीर्ष शहरों में कुछ मारुति कारों की प्रतीक्षा अवधि नौ महीने तक पहुंच गई है। वहीं, Hyundai की Creta और Verna जैसे लोकप्रिय मॉडलों पर छह महीने तक का वेटिंग पीरियड हो चुका है। इनके अलावा अन्य कारों पर भी कम से कम एक महीने का वेटिंग पीरियड है।

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हालांकि, कैलेंडर वर्ष 2022 में मारुति सुजुकी की बिक्री में करीब 16 फीसदी (वार्षिक आधार पर) का इजाफा हुआ। कंपनी ने कुल 15.76 लाख कारें बेचीं जबकि 2021 में सिर्फ 13.64 लाख कारों की बिक्री हुई। हालांकि, साल के आखिरी महीने दिसंबर में इसकी घरेलू थोक बिक्री 9.91 फीसदी घटकर 1,13,535 यूनिट रही, जो दिसंबर 2021 में 1,26,031 यूनिट थी।

कैलेंडर वर्ष 2022 में बिक्री के मामले में मारुति सुजुकी के बाद हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) का स्थान रहा, जिसने 2022 में 5,52,511 कारों की बिक्री की, जो कि कंपनी का सर्वाधिक घरेलू बिक्री रिकॉर्ड है। 2021 में कंपनी ने 5,05,033 यूनिट्स की बिक्री की, जिसकी तुलना में 2022 में इसकी बिक्री 9.4 फीसदी ज्यादा रही।

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