स्वप्न शास्त्र के अनुसार, हमारे सपनों का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव होता है। कई बार ये सपने हमारे भविष्य के संकेत भी देते हैं। लेकिन बहुत से लोग रात में डरावने या उलझन भरे सपने देखकर चिंतित हो जाते हैं। इसी संदर्भ में हाल ही में प्रसिद्ध आचार्य प्रेमानंद महाराज ने डरावने सपनों के पीछे के कारणों को विस्तार से समझाया है।
भक्त का सवाल: क्या सपनों में भुगतना होता है भाग्य?
प्रेमानंद महाराज के पास एक भक्त ने यह सवाल लेकर पहुंचा कि क्या हमारे भाग्य को हमें स्वप्नों में भुगतना पड़ता है और आखिर रात में हमें डरावने सपने क्यों आते हैं? इस प्रश्न का महाराज ने बहुत सरल और प्रभावशाली जवाब दिया।
अनजाने में किए गए पापों का असर
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, रात में डरावने सपने आने का सबसे बड़ा कारण होता है हमारे द्वारा अनजाने में किए गए पाप। उदाहरण के लिए, अगर हमारा पैर अनजाने में किसी मेंढक या छोटे जीव पर पड़ जाता है और वह मर जाता है, तो इसका प्रभाव हमारे सपनों पर पड़ता है। अनजाने में हुई ऐसी मौतें हमारी चेतना में पाप के रूप में दर्ज हो जाती हैं, जो हमें डरावने सपनों के रूप में वापस मिलती हैं।
अनजाने में पाप के कारण सपनों में डरावने अनुभव
महाराज जी ने कहा कि हमारी मंशा कभी भी किसी जीव को नुकसान पहुंचाने की नहीं होती, लेकिन अनजाने में हुए पापों की वजह से सपनों में डरावने दृश्य आते हैं। उदाहरण के तौर पर, सपनों में किसी जीव-जंतु द्वारा काटे जाना, गिरना, पीटना या किसी तरह का दर्द महसूस होना, ये सब अनजाने पापों के नतीजे होते हैं। यही कारण है कि हमें ऐसे सपनों के दौरान डर और बेचैनी महसूस होती है।
उल्टे-सीधे सपने और उनका मतलब
प्रेमानंद महाराज ने यह भी बताया कि अक्सर सपनों का उल्टा-सीधा होना या उनके अर्थ न समझ आने का कारण भी अनजाने पाप होते हैं। ये पाप हमें बिना इरादे के हुए होते हैं, इसलिए इनके प्रभाव के कारण सपने उलझे हुए और भयावह प्रतीत होते हैं। हालांकि, यह भी संभव है कि कुछ सपने पूरी तरह से व्यर्थ हों और उनका कोई खास मतलब न हो।

