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कब है भौमवती अमावस्या, जानिए तारीख और महत्व

chaitra amavasya 2023 date muhurta and significance 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा की तिथि को महत्वपूर्ण बताया गया है। अभी चैत्र का महीना चल रहा है और इस महीने पड़ने वाली अमावस्या को चैत्र अमावस्या के नाम से जाना जा रहा है जो कि इस बार 21 मार्च दिन मंगलवार को पड़ रही है। चैती अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या और भौमवती अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।

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इस दिन लोग पूजा पाठ स्नान दान के कार्य करते है। मान्यता है कि चैत्र अमावस्या पर नकारात्मक शक्तियां अधिक हावी होती है, ऐसे में पूजा पाठ और व्रत करना उत्तम होता है। तो आज हम आपको चैत्र अमावस्या से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे है, तो आइए जानते है। 

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धार्मिक पंचांग के अनुसार शुभ योग का आरंभ 20 मार्च को शाम 4 बजकर 21 मिनट पर हो रहा है जो कि 21 मार्च को प्रात: 12 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। वही सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण 21 मार्च को शाम 5 बजकर 26 मिनट से 22 मार्च को सुबह 6 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।  

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चैत्र अमावस्या पर करें इन चीजों का दान—
हिंदू धर्म में किसी विशेष दिन पर पूजा पाठ और व्रत के साथ साथ दान पुण्य के कार्य करना उत्तम बताया गया है। ऐसे में आप चैत्र अमावस्या पर गरीबों जरूरतमंदों को वस्त्रों का दान कर सकते है। मान्यता है कि ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते है और नौकरी कारोबार में आने वाली बाधाएं भी दूर हो जाती है। चैती अमावस्या के दिन दोपहर के समय मंगलदेव के 21 नामों का जाप करने से कुंडली का मंगल दोष दूर हो जाते है और वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। वही अगर किसी जातक के विवाह में कोई अड़चन आ रही है या फिर शीघ्र विवाह के योग नहीं बन रहे हैं तो ऐसे में आप चैत अमावस्या के दिन लाल मीठी चीजों का दान जरूर करें इससे लाभ होगा। 

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