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18 या 19 जून को कब है आषाढ़ कालाष्टमी? जानें सही तारीख और पूजा का शुभ मुहूर्त 

आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाने वाली कालाष्टमी आज पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जा रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कालाष्टमी भगवान काल भैरव की पूजा का अत्यंत पवित्र और शुभ अवसर होता है। यह तिथि हर महीने आती...
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आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाने वाली कालाष्टमी आज पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जा रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कालाष्टमी भगवान काल भैरव की पूजा का अत्यंत पवित्र और शुभ अवसर होता है। यह तिथि हर महीने आती है, लेकिन आषाढ़ मास की कालाष्टमी को विशेष रूप से फलदायी माना गया है। इस दिन भगवान भैरव की पूजा करने से जीवन में फैली नकारात्मकता, भय, शत्रु बाधा और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है।

कालाष्टमी का शुभ मुहूर्त

कालाष्टमी की अष्टमी तिथि आज 18 जून दोपहर 1 बजकर 34 मिनट से प्रारंभ होकर 19 जून सुबह 11 बजकर 55 मिनट तक रहेगी। इस दौरान भक्त व्रत रखते हैं, उपवास करते हैं और विधिपूर्वक भगवान काल भैरव का पूजन करते हैं। दिनभर भक्ति में लीन रहने वाले श्रद्धालु रात में जागरण करते हैं और भजन-कीर्तन का आयोजन भी करते हैं।

कालाष्टमी पूजन विधि

कालाष्टमी के दिन भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं। घर के पूजा स्थल की साफ-सफाई करने के बाद एक लकड़ी के पटरे पर भगवान काल भैरव की मूर्ति या चित्र स्थापित किया जाता है। इसके बाद उन्हें काले तिल, पुष्प, सरसों का तेल, धूप और दीप अर्पित किया जाता है।

भगवान को प्रसन्न करने के लिए 'काल भैरव अष्टकम' का पाठ करना अत्यंत लाभकारी माना गया है। साथ ही, भैरव मंत्रों का जाप भी किया जाता है। शाम के समय पुनः भगवान को सरसों के तेल का दीपक जलाकर काले तिल चढ़ाए जाते हैं और रात में भजन कीर्तन कर जागरण करने की परंपरा है। व्रती लोग रात्रि में सात्विक भोजन अथवा घर में बनी मिठाई से व्रत का पारण करते हैं।

कालाष्टमी का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

कालाष्टमी का दिन भगवान काल भैरव को समर्पित होता है, जो भगवान शिव के उग्र रूप माने जाते हैं। उन्हें काल का रक्षक, शत्रु संहारक और न्याय के देवता कहा गया है। भैरव की उपासना से भक्तों के जीवन में भय, रोग, संकट और बाधाएं दूर होती हैं। विशेषकर रविवार और अष्टमी तिथि का संयोग काल भैरव की पूजा के लिए अत्यंत शुभ होता है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त इस दिन श्रद्धा और नियमपूर्वक उपवास रखते हैं तथा भगवान भैरव की आराधना करते हैं, उन्हें नकारात्मक शक्तियों से रक्षा मिलती है और उनके जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। भैरव की कृपा से व्यक्ति को आत्मबल, साहस और निर्णय क्षमता की प्राप्ति होती है। आज का दिन काल भैरव के भक्तों के लिए अत्यंत विशेष है। कालाष्टमी पर की गई पूजा न केवल धार्मिक लाभ देती है, बल्कि मानसिक शांति और आध्यात्मिक जागृति का भी अनुभव कराती है। इसलिए आज के दिन काल भैरव की आराधना कर जीवन में ऊर्जा, विश्वास और सकारात्मकता का संचार जरूर करें।

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