मुख्य द्वार के बारे में क्या कहता है वास्तु, जानिए
आपको बता दें कि वास्तुशास्त्र ज्योतिष का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता हैं वास्तु शास्त्र घर की दिशाओं और घर में उपस्थिति चीजों पर पड़ने वाले सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं को दर्शाता हैं। वास्तुशास्त्र में घर के प्रवेश द्वार के बारे में कई नियम हैं। जिनके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
वास्तुशास्त्र के मुताबिक घर का प्रवेश द्वार उत्तर दिशा में होने पर हमेशा ही सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती हैं प्रवेश द्वार कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए। दक्षिण दिशा नर्क की दिशा मानी गई हैं। वही पर्व की दिशा में सूर्योदय होने से इस ओर से सकारात्मक व ऊर्जा से भरी किरणें घर में प्रवेश करती हैं
घर के मालिक की लंबी आयु और संतान सुख के लिए मेन गेट और खिड़की का पूर्व दिशा में होना शुभ माना जाता हैं वही बच्चों को भी इसी दिशा की ओर पढ़ाई करनी चाहिए। इस दिशा में द्वार पर मंगलकारी तोरण लगाएं तो इसका सकारात्मक प्रभाव अधिक हो जाता हैं।
वही पश्चिम दिशा की जमीन का ऊँचा होना आपकी सफलता और कीर्ति के लिए शुभ संकेत होता हैं आपका किचन और टॉयलेट इस दिशा में हो तो सबसे बेहतर माना जाता हैं। यह दिशा सौर ऊर्जा की विपरित दिशा हैं। इसे ज्यादा से ज्यादा बंद रखना चाहिए।
वही उत्तर दिशा में घर का प्रवेश द्वार होना बहुत ही शुभ और लाभकारी माना जाता हैं उत्तर दिशा में सबसे अधिक खिड़की और दरवाजे होने चाहिए। घर की बालकनी व वॉश बेसिन भी इस दिशा में होनी चाहिए।


